आगे मंगल पीठ रवि

Submitted by Hindi on Sat, 03/20/2010 - 08:44
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घाघ और भड्डरी

आगे मंगल पीठ रवि, जो असाढ़ के मास।
चौपट नासै चहुँ दिसा, बिरलै जीवन आस।


भावार्थ- यदि आषाढ़ मास में मंगल आगे और सूर्ये पीछे रहे तो वर्षा नहीं होगी, चारों ओर विनाश-लीला होगी और धरती पर त्राहि-त्राहि मच जायेगी।