अगहन में सरवा भर

Submitted by Hindi on Tue, 03/16/2010 - 14:26
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घाघ और भड्डरी

अगहन में सरवा भर, फिर करवा भर।

शब्दार्थ- सरवा – कुल्हड़, करवा – घड़ा ।

भावार्थ- अगहन में यदि फसल को सरवा या सकोरा भर भी पानी मिल जाये तो वह अन्य समय के एक घड़े पानी के बराबर लाभदायक होता है, अर्थात् अगहन का थोड़ा भी पानी फसल के लिए पर्याप्त होता है।