देश व्यापी कृषि आधारित कंपनी होने के नाते आईटीसी की मिट्टी और जल संरक्षण कार्यक्रम सात राज्यों में २३ जिलों के 450 गांवों के करीब 66,723 एकड़ क्षेत्र में फैला है। ३०,००० एकड़ से अधिक जलमग्न भूमि को सामान्य बनाया गया। करीब 4000 एकड़ अतिरिक्त ज़मीन को खेती के लायक बनाया गया और 35,000 एकड़ से अधिक कमान क्षेत्र को लाभ पहुंचा। इस प्रक्रिया में 311,480 लोगों के लिए काम की व्यवस्था हुई। इस कार्यक्रम के तहत भूमिगत जल के कम इस्तेमाल और जलाशयों में पानी एकत्रित करने पर ज़ोर दिया गया। इस कोशिश के तहत जल संरक्षण के लिए 1530 खास निर्माण कराए गए। इस बहुआयामी परियोजना के तहत गांवों में सीबीओ निर्माण के साथ-साथ किसानों और खासकर जनजातीय आबादी के लिए खेतों में केचुए पैदा करने और अन्य रोज़गारोन्मुख प्रशिक्षण दिए गए। कृत्रिम गर्भाधान और दूध विपणन का बुनियादी ढांचा तैयार करने में मदद दी गई। गांवों में सामूहिक कुएं और सिंचाई के लिए फव्वारों की व्यवस्था भी की गई। प्रगति के आकलन के लिए एमआईएस जैसे कार्पोरेट प्रंबंधन युक्तियों के इस्तेमाल के साथ-साथ उपज और हरियाली बढ़ाने के लिए स्थानीय और पारंपरिक तौर तरीकों में सुधार किया गया। मालिकाना हक के अहसास के लिए स्थानीय समुदायों ने परियोजना में 25% योगदान दिया। इसके साथ श्रमदान जैसे गैर वित्तीय योगदान को भी महत्व दिया गया।
आईटीसी लिमिटेड: एकीकृत वाटरशेड विकास कार्यक्रम
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