अकाल (सूखा) सम्बन्धी कहावतें

Submitted by Hindi on Sat, 03/20/2010 - 08:40
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घाघ और भड्डरी

आद्रा तौ बरसै नहीं, मृगसिर पौन न जोय।
तौ जानौ यो भड्डरी, बरखा बूँद न होय।।


भावार्थ- भड्डरी का मानना है कि यदि आर्द्रा नक्षत्र में पानी न बरसा और मृगशिरा नक्षत्र में हवा न चली तो वर्षा नहीं होगी, जिससे फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।