जलोढ शंकुः
किसी महाखड्ड या कैनियन के मुख पर नदियों द्वारा प्रवाहित अपरदी पदार्थों से निर्मित एक शंकुरूपी जिसके पार्श्व बहुत कम प्रवणित होते हैं और झुकाव सभी दिशाओं में लगभग बराबर होता है।
एक प्रकार का जलोढ़ पंख जिसका ढाल अधिक तीव्र तथा आकृति शंकु के समान होती है। जब पर्वतीय ढाल अधिक होता है और मलवा की मात्रा अधिक किन्तु प्रवाही जल की मात्रा अपेक्षाकृत् कम होती है। नदी जल के साथ प्रवाहित होने वाले पदार्थ (जलोढ़क) अधिक दूर तक नहीं फैल पाते हैं बल्कि सीमित क्षेत्र में ही संचित होते रहते हैं जिससे निक्षेप जनित भाग अपेक्षाकृत् अधिक ऊँचा तथा तीव्र ढाल वाला होता है। इसका निर्माण शैलखंडों, बजरी, रेत आदि के निक्षेप से होता है। जलोढ़ पंख की तुलना में इसकी ऊँचाई अधिक और विस्तार कम होता है।
एक प्रकार का जलोढ़ पंखा, जिसके ढाल का कोण अधिक ऊंचा होता है और जिसमें निक्षेपण-पदार्थ की संहति मोटी एवं स्थूल होती है तथा पृष्ठीय ढाल अधिक झुका होता है।
alluvial cone – A semi-conical type of alluvial fan with very steep slopes; it is higher, narrower, and steeper (e.g., > 40% slopes) than a fan, and composed of coarser, and thicker layers of material deposited by a combination of alluvial episodes and to a much lesser degree, landslides (e.g., debris flow). Coarsest materials tend to concentrate at the cone apex. Compare – alluvial fan, talus cone.
alluvial cone – A semi-conical type of alluvial fan with very steep slopes; it is higher, narrower, and steeper (e.g., > 40% slopes) than a fan, and composed of coarser, and thicker layers of material deposited by a combination of alluvial episodes and to a much lesser degree, landslides (e.g., debris flow). Coarsest materials tend to concentrate at the cone apex. Compare – alluvial fan, talus cone.