Atmospheric boundary layer in hindi

Submitted by Hindi on Wed, 04/28/2010 - 09:26

वायुमंडलीय परिसीमा स्तर

वायुमंडल की ऊँचाई 16 से 29 हजार कि. मी. होती है। परंतु धरातल से केवल 800 कि.मी. ऊंचा वायुमंडल ही अधिक महत्वपूर्ण है। वायुमंडल में अनेक परतें पायी जाती हैं, जो इस प्रकार हैं –

1. क्षोभमंडल (tripisphere) यह वायुमंडल की सबसे निचली परत है। इसमें वायुमंडल के संपूर्ण भार का 75 प्रतिशत पाया जाता है। धरातल से इसकी ऊंचाई लगभग 14 कि.मी. है। सभी मौसमी घटनाएं इसी परत में होती है, जैसे गरज, चमक, आंधी इत्यादि।

2. समताप मंडल (stratosphere) इस मंडल की शुरुआत ट्रोपोपाज से होती है। इसकी औसत ऊंचाई धरातल से 30 कि.मी. तक होती है। इसे स्तरण मंडल भी कहा जाता है। इस मंडल में ऊँचाई बढ़ने के साथ तापमान कम होना समाप्त हो जाता है। इस परत की दशायें वायुयान चालकों के लिए आदर्श होती हैं। इस मंडल में जल-वाष्प एवं धूल-कण लगभग नहीं पाए जाते हैं। अतः यहां बादलों का निर्माण नहीं होता है।

3. मध्यमंडल (mesosphere) इसकी ऊंचाई 60 कि.मी. तक होती है। इस मंडल को ओजोनमंडल भी कहते हैं। इस परत में सूर्य की पराबैंगनी किरणों का अवशोषण करने वाली ओजोन गैस पायी जाती है। इस स्तर में तापमान ऊंचाई के साथ 5 सेल्सियस प्रति कि.मी. की दर से बढ़ता है, जो 60 कि.मी. तक प्रभावी रहता है।

4. तापमंडल (thermosphere) तापमंडल के निचले हिस्से में केवल नाइट्रोजन और ऑक्सीजन पाए जाते हैं, लेकिन 200 कि.मी. से ऊपर नाइट्रोजन, ऑक्सीजन के अणुओं की प्रधानता होती है। तापमंडल में तापमान बहुत तीव्रता से बढ़ता है। इसमें कि.मी. पर 1200 सेल्सियस ताप मिलता है। इसी मंडल से रेडियों तरंगें वापस पृथ्वी पर लौटती हैं।

5. बर्हिमंडल (exosphere) यह वायुमंडल की सबसे ऊपरी परत है। इसकी ऊँचाई 500 से 1000 कि.मी. तक होती है।