बादल या मेघ (Cloud)

Submitted by Hindi on Tue, 05/10/2011 - 12:20
जलवाष्प के संघनन से उत्पन्न लघु जलसीकरों (water droplets) तथा हिमकणों (ice crystals) की दृष्ट संहति या राशि जो वायुमंडल में लटकी रहती है और हवा के साथ उड़ सकती है। धरातली जलराशियों (महासागर, सागर, झील, नदी आदि) के जल के वाष्पीकरण से उत्पन्न जलवाष्प ऊपर उठती है और पर्याप्त ऊँचाई पर पहुँचने पर ओसांक (dew point) के पश्चात् उसका संघनन प्रारंभ हो जाता है। जब संघनन हिमांक के ऊपर होता है तो जल सीकरों का निर्माण होता है और जब यह हिमांक के नीचे होता है तब हिम कणों का निर्माण होता है। इनकी संख्या में पर्याप्त वृद्धि होने से बादल की रचना होती है। वायुमंडल में भूतल से विभिन्न ऊंचाइयों पर भिन्न-भिन्न प्रकार के बादल पाये जाते हैं किंतु समताप मंडल (stratosphere) में इनका अभाव होता है। बादलों को ऊँचाई के अनुसार तीन प्रमुख प्रकारों तथा 10 उपप्रकारों में विभक्त किया गया है जो अंतर्राष्ट्रीय रूप से मान्य है। बादलों या मेघों का वर्गीकरण इस प्रकार है-

1. निम्न मेघ (low clouds) जो धरातल से लगभग 2400 मीटर की ऊँचाई तक पाये जाते हैं। इसके अंतर्गत स्तरीकपासी (stratocumulus), वर्षास्तरी (nimbostratus), कपासी (cumulus), कपासी वर्षा (cumulonimbus) और स्तरी (stratus) मेघ सम्मिलित हैं।

2. मध्यम ऊँचाई वाले मेघ (medium clouds) जिनकी ऊँचाई लगभग 2400 मीटर से 6000 मीटर तक होती है। इसमें उच्चकपासी (altocumulus) और उच्चस्तरी (altostratus) मेघ आते हैं।

3. उच्च मेघ (high clouds) जो 6000 मीटर से 12000 मीटर की ऊँचाई तक मिलते हैं। इसके अंतर्गत पक्षाभ (cirrus), पक्षाभ स्तरी (cirrostratus) और पक्षाभ कपासी (cirro-cumulus) मेघ सम्मिलित हैं।

जब बादल में स्थित लघु जलसीकरें (water droplets) अथवा हिमकण विभिन्न नाभिकों के ऊपर आपस में मिलने से बड़े-बड़े आकार के हो जाते हैं, वायु उन्हें ऊपर रोकने में असमर्थ हो जाती है और तब वर्षा होने लगती है।

अन्य स्रोतों से




वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
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