अध्याय -1 बागमती कथा
1.7 बाढ़ एक प्राकृतिक आवश्यकता
1.8 तटबन्धों की उपयोगिता का द्वन्द
1.9 भारत की आजादी और तटबन्धों की वापसी
अध्याय 2 बागमती घाटी की सिंचाई समस्या
2.1 बागमती एवम् अधवारा समूह घाटी की पारम्परिक सिंचाई व्यवस्था
2.2 ब्रिटिश हुकूमत की बागमती से सिंचाई की नाकाम कोशिश
2.3 एम. पी. मथरानी का बागमती सिंचाई परियोजना प्रस्ताव (1956)
2.4 आर्थिक संकट, आश्वासन और राजनीति
2.5 नदी का धारा-परिवर्तन और योजना की स्वीकृति
2.6 ताकि काम चलता रहे और योजना भी बनती रहे
2.7 काम पहले योजना का अनुमोदन बाद में: बागमती नदी से सिंचाई के नाम पर भद्दा मजाक
अध्याय -3 बागमती घाटी की बाढ़ समस्या
3.3 1954 तथा 1955 की बागमती की बाढ़
3.4 बागमती योजना के निर्माण की बहस जनता और जन-प्रतिनिधियों के बीच
3.11 बाढ़ के पानी को रास्ता देने की जगह तटबन्ध का मजबूतीकरण
अध्याय -4 बागमती नदी पर प्रस्तावित नुनथर बांध
4.2 नुनथर बांध का संक्षिप्त प्रस्तावित स्वरूप
4.3 नेपाल में प्रस्तावित बांधों का नया दौर
4.4 बिहार की बाढ़-नेपाल में प्रस्तावित बांधों के साथ चोली-दामन का रिश्ता?
4.5 बातें बांधों की और निर्माण तटबन्धों का
4.6 कोसी एफ्लक्स बांध की कुसहा दरार और बात-चीत के दौर की वापसी
4.7 बातों की बादशाहत-कमेटी दर कमेटी
4.10 बड़े बांधों की बहस-विश्ववार्ता की शुरुआत
अध्याय -5 रिलीफ-नकारने से लेकर गोली खाने तक की यात्रा
5.2 भविष्यवाणी सच हुई-राहत हक बनी
5.3 स्वयं सेवी संस्थाओं की भूमिका
5.4 हमारी बाढ़ आपदा प्रबन्धन के दायरे में आती है क्या?
5.5 राजनैतिक पार्टियाँ भी पीछे नहीं हैं: बकरा कसाई से राजी
5.6 रिलीफ तो चाहिये मगर किस कीमत पर
5.7 बागमती घाटी में राहत के सवाल पर गोली
5.9 औराई आन्दोलन के राजनैतिक पैंतरे
अध्याय- 6 बागमती नदी और काले पानी की कथा
6.2 दरवाजों पर काले पानी की दस्तक
अध्याय- 7 लखनदेई तटबन्ध के कारण हुआ नरसंहार
अध्याय- 8 चानपुरा रिंग बांध
8.2 इन्दिरा गांधी के योग गुरु-स्वामी धीरेन्द्र ब्रह्मचारी
8.3 चानपुरा रिंग बांध की शुरुआत
8.4 बांध पर काम शुरू हुआ-पारस्परिक मतभेद भी सामने आया
8.5 इंजीनियरों का किसी की इच्छा-अनिच्छा से वास्ता नहीं होता
8.6 नेतृत्व मिला मगर टिकने नहीं दिया गया
8.8 आन्दोलन और कानूनी लड़ाई साथ-साथ
8.9 विधान सभा और विधान परिषद् में गर्मा-गर्म बहस
8.10 बात राजीव गांधी तक पहुँची
8.11 चानपुरा रिंग बांध का उत्तर कांड
8.12 बाइस वर्षों की खुमारी के बाद नई सुन-गुन
अध्याय- 9 अधवारा समूह की नदियों के नियंत्रण और सिंचाई व्यवस्था की स्थिति
9.1 अधवारा समूह योजना की पृष्ठभूमि
9.2 भारत की आज़ादी और नदी नियंत्रण की मांग
9.5 स्थानीय जनता का समस्या विश्लेषण और योजना का मूल्यांकन एवं विरोध
अध्याय- 10 करेह कथा
10.5 पुल तो है लेकिन समस्या वही है
10.7 पानी की निकासी का रास्ता कहाँ गया?
अध्याय- 11 बागमती परियोजना और पुनर्वास
11.3 इमरजेन्सी में लागू की गयी पुनर्वास नीति
11.4 पुनर्वास, भूमि अधिग्रहण और भ्रष्टाचार
11.5 पुनर्वास की बदहाली पर प्रशासन की नींद टूटी
11.6 पुनर्वास की बहस जनता के बीच
11.7 पुनर्वासितों के साथ वायदा खिलाफी
11.8 बाकी जगह भी कोई फर्क नहीं है
11.9 इब्राहिमपुर-यहाँ शिव मन्दिर को हर साल बालू हटा कर निकालना पड़ता है
11.11 एक नजर जीविका के मुख्य स्रोत खेती पर
11.12 पुनर्वास का तीसरा दौर-रुन्नी सैदपुर से हायाघाट
11.13 दस्तूर का पाबंद जल-संसाधन विभाग-पहले योजना पर काम, बाद में पुनर्वास-
11.15 अनिश्चित भविष्य लिए हुए भरथुआ
11.16 आगे-आगे तटबंध-पीछे-पीछे तबाही
अध्याय- 12 जुड़वाँ शहर- भारत का बैरगनियाँ और नेपाल का गौर बाजार
अध्याय- 13 तुम्हीं बताओ कि क्या राह अख्तियार करें?
13.3 नदी जोड़ योजना और इसमें राज्यों की भूमिका
13.6 बिहार में जल-संसाधनों के विकास के लिए विशेष कार्य-दल की रिपोर्ट (मई 2009)
13.9 तटबंध में दरारें-पैंतरे एवं बहानेबाजी
13.10 असामाजिक तत्वों की भूमिका
13.11 नेपाल द्वारा पानी छोड़ा जाना
13.15 जल जमाव के खिलाफ आन्दोलन
13.16 तटबंधों के अंदर रहने वालों की सुरक्षा
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