बेतवा किनारे – 2

Submitted by admin on Tue, 08/27/2013 - 12:38
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काव्य संचय- (कविता नदी)
लहरों की थाप है
मन के मृदंग पर
बेतवा किनारे
गीतों में फुसफुस है
गीत के संग पर
बेतवा किनारे

मालिश फिजूल है
पुलकित अंग-अंग पर
बेतवा किनारे

लहरों की थाप है
मन के मृदंग पर
बेतवा किनारे।