बोलीविया में सहकारिता द्वारा बुनियादी पानी और सफाई सेवाओं का प्रबंधन
1958 के सहकारिता अधिनियम के बाद से बोलीविया में सार्वजनिक सेवाएं (पानी और बिजली से लेकर दूरसंचार तक) प्रदान करने में सहकारिताओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। इस कानून के अनुसार सहकारिताओं को इन सिद्धांतों का पालन करना चाहिएः सभी सदस्यों के अधिकार तथा दायित्व समान हैं लोकतांत्रिक सिद्धांतों का अनुसरण किया जाय, प्रत्येक सदस्य का एक वोट है, सहकारिता का लक्ष्य मुनाफा नहीं बल्कि आर्थिक और सामाजिक बेहतरी है।
बोलीविया राजनीतिक दृष्टि से नौ क्षेत्रों में विभाजित है। क्षेत्रीय राजधानियों में 44 प्रतिशत मामलों में पेयजल और सफाई सेवाएं सहकारी संस्थाओं द्वारा ही प्रदान की जाती हैं। अन्य 44 प्रतिशत मामलों में ये सेवाएं सार्वजनिक कंपनियां प्रदान करती हैं और शेष 12 प्रतिशत यह काम निजी हाथों में है। जल सेवाएं 1999 के पेयजल और स्वच्छता सेवाएं अधिनियम द्वारा परिचालित हैं। यह अधिनियम कोचाबांबा के जल युद्ध (देखें ‘‘कोचाबांबाः जलयुद्ध के बाद सार्वजनिक-सामूहिक साझेदारी’’) के बाद सन् 2000 में संशोधित किया गया था। नये कानून के तहत निम्नलिखित प्रावधान लागू हैं: सेवाओं तक सबकी पहुंच, बुनियादी सेवाओं की गुणवत्ता और निरंतरता, संसाधनों के इस्तेमाल में कुशलता, सेवाओं की आर्थिक लागत की स्वीकृति (शुल्क); सेवाओं का स्थायित्व, सेवाओं को इस्तेमाल करने वालों के प्रति निरपेक्षता तथा पर्यावरण सुरक्षा।
यह अध्याय सेवाओं की आपूर्ति के लिए किये गये सहकारिता आंदोलन पर और विशेषकर उस आंदोलन पर केंद्रित है जो सांता क्रुज क्षेत्र की राजधानी सांताक्रुज दे ला सिएरा शहर (आबादी 10 लाख, तीस हजार) में हुआ था। 1960 के दशक के दौरान शहर में टेलीफोन लाइन और विद्युतीकरण के लिए पहली दो सहकारी संस्थाएं बनायी गयी थीं। 1979 में पेयजल और स्वच्छता सेवाओं के लिए सहकारिता को आपरेटिव दे लोस सर्विसिओस दे अगुआ पोटेबल य अलकांतारिलादो सैनीतारियो- एस.ए.जी.यू.ए.पी.ए.सी.- सैगुआपैक की स्थापना हुई।
सांताक्रुजः पेयजल और स्वच्छता सेवाएं प्रदान करने वाली सहकारी संस्था
सैगुआपैक सांताक्रुज दे ला सिएरा के अधिकांश हिस्सों में पीने का पानी और स्वच्छता सेवाएं प्रदान करती है। सैगुआपैक से स्वतंत्र कुछ अन्य छोटे अभिकर्ता नगर के आस-पास के क्षेत्र में पीने का पानी पहुंचाते हैं।
इस जल कंपनी ने अपने इतिहास में तीन बहुत भिन्न अवधियों का अनुभव किया है। 1973 तक यह एक सार्वजनिक कम्पनी थी और फिर 1979 तक यह एक अर्धसार्वजनिक सेवा के रूप में रही। 1979 में इसे औपचारिक रूप से एक सहकारिता के रूप में स्थापित किया गया। अन्य सहकारिताओं (टेलीफोन और विद्युतीकरण) के अच्छे परिणामों ने सैगुआपैक का प्रबंधन कैसे किया जाय इस बारे में समुदाय के निर्णय को प्रभावित किया था।
सैगुआपैक की संरचना जटिल है। सहकारिता को एक विशेष क्षेत्र में रियायतें मिली हुई हैं। यह क्षेत्र नौ जिलों में विभाजित है। प्रत्येक जिले में एक परिषद है जिसका काम है सदस्यों (हर वह व्यक्ति परिषद का सदस्य है जिसके यहां पानी का कनेक्शन है) की चिंताओं की परवाह करना और उनकी जरूरतों को पूरा करना। पार्षदों का कार्यकाल छह वर्ष है और इन पार्षदों में से एक तिहाई हर दो वर्ष पर बदले जाते हैं। नौ पार्षदों में से प्रत्येक पार्षद के प्रतिनिधि सभा (असेंबली ऑफ डेलीगेट्स) में तीन प्रतिनिधि होते हैं। उनका काम सहकारिता द्वारा लिये गये निर्णयों की पुष्टि करना होता है। असेंबली बोर्ड के लिए नौ सदस्यों और अधीक्षक परिषद के लिए छह सदस्यों का चुनाव भी करती है। बोर्ड पर बजट और लेखा-जोखा की पुष्टि करने तथा कम्पनी की नीतियों को रूप देने की जिम्मेदारी होती है। अधीक्षक परिषद बोर्ड को नियंत्रित करती है और वाह्य लेखा परीक्षण का काम करती है। दोनों निकायों के सदस्यों का सेवाकाल छह वर्ष है और हर दो वर्ष पर एक-तिहाई सदस्यों का नवीकरण होता है।
चूंकि सैगुआपैक एक सहकारी संस्था है अतः प्रत्येक वह व्यक्ति जिसके यहां पानी का कनेक्शन है इसका सदस्य और इस तरह इस सहकारिता का सहस्वामी बन जाता है जिसकी एक आवाज होती है और जिसके पास मताधिकार होते हैं। सहभागिता की संरचनाओं, जिनके माध्यम से सदस्य अपनी जरूरतों और चिंताओं को आवाज दे सकते हैं, के अतिरिक्त यह सेवा साल में दो बार संतोषजनक ढंग से मतदान भी कराती है ताकि जाना जा सके कि पानी और स्वच्छता सेवाओं में कहां सुधार की जरूरत है।
सहकारिता का उद्देश्य अपने सदस्यों का कल्याण है, न कि मुनाफा कमाना। सैगुआपैक की शुल्क संरचना का आधार सामाजिक है जिसमें घरेलू उपभोग, वाणिज्यिक इस्तेमाल, औद्योगिक इस्तेमाल और विशेष किस्म के इस्तेमाल (अस्पतालों, सार्वजनिक स्कूलों, सरकारी कार्यालयों आदि में) के लिए मूल्यों का स्तर भिन्न-भिन्न है। शुल्क उपभोग स्तरों पर भी निर्भर करते हैं और हर 15 क्यूबिक मीटर पर बढ़ जाते हैं ताकि जो लोग ज्यादा उपभोग करते हैं वे कम उपयोग करने वालों की तुलना में प्रति क्यूबिक मीटर अधिक भुगतान करें। सैगुआपैक जल सेवाओं तक पहुंच को प्रोत्साहित करने के लिए अधिक गरीब समुदायों में प्रोत्साहन अभियान भी चलाती है।
सैगुआपैक के पास गुणवत्ता नियंत्रण की व्यवस्था भी है जो आई एस ओ 9001 पर आधारित है और फिलहाल जर्मनी की टी यू वी राइनलैंड द्वारा प्रमाणित की जाती है। सहकारिता के पास लैटिन अमेरिकी मानकों वाले संकेतक भी हैं। 2003 के लिए ये संकेतक इस प्रकार हैं:
पेयजल तक पहुंच | 96 प्रतिशत |
स्वच्छता तक पहुंच | 50 प्रतिशत |
पेयजल कनेक्शनों की संख्या | 123.597 |
स्वच्छता कनेक्शनों की संख्या | 64.096 |
कर्मचारियों की संख्या | 387 |
प्रति 1000 कनेक्शनों पर कर्मचारियों की संख्या | 3,13 |
औसत जल शुल्क (अमेरिकी डॉलर) | 0,31 |
औसत स्वच्छता शुल्क | 0,29 |
जल की बरबादी | 26 प्रतिशत |
वार्षिक बिल (अमेरिकी डॉलर में) | 19.5 |
संग्रहण कुशलता | 94 प्रतिशत |
रणनीतिक विकास योजना
सैगुआपैक ने रियायत की 40 वर्ष की अवधि यानी 2039 तक के लिए एक रणनीतिक विकास योजना (प्लान एस्ट्राटेजिको दे देसारोल्लो-पी ई डी) बनाई है। इस योजना के तहत जरूरी निवेश तथा अनुमानित लागत की पहचान की गयी है। चालीस वर्ष के लिए यह लागत 5590 लाख अमेरिकी डॉलर है। सबसे बड़ी धनराशि स्वच्छता के बुनियादी ढांचे (3090 लाख डॉलर) और पानी के संजाल के लिए (1180 लाख डॉलर है)।
वास्तविक आमदनी का भी विश्लेषण कर लिया गया है और जरूरी निवेश तथा कामचलाऊ लागतों के साथ उसकी तुलना कर ली गयी है। प्रारंभिक अवधि के लिए बजट में अंतराल है (नीचे इस अंतराल को पाटने के विकल्पों की तलाश की गयी है), लेकिन उसके बाद की अवधि में कंपनी आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो जायेगी।
वर्ष | बहुपक्षीय निकाय | कार्यक्रम का नाम | परियोजना लागत | ऋण ऋण संख्या राशि | |
| | | मिलियन अमेरिकी डॉलर में | ||
1986 | विश्व बैंक | सांताक्रुज में पानी और स्वच्छता कार्यक्रम | 17,0 | 9,0 | 948-बी.ओ. |
1997 | विश्व बैंक | मुख्य शहरों में पानी के और स्वच्छता के सुधार का कार्यक्रम | 13,3 | 5,4 | 2187-बी.ओ |
2001 | आई बी डी | बुनियादी शहरी पानी और सफाई कार्यक्रम बी.ओ. (पी आर ओ एस यू बी) | 30,5 | 20,2 | 987/एस.एफ.बी.ओ. |
सैगुआपैक ने ऐसी अनेक परियोजनाएं चलाई हैं जिनमें इंटर अमेरिकन डेवलपमेंट बैंक (एआईडीबी) और विश्व बैंक जैसी बहुपक्षीय संस्थाओं का धन लगा है। ऐसी परियोजनाएं संक्षेप में ऊपर दी गयी तालिका में प्रदर्शित की गयी हैं।
सभी मामलों में सैगुआपैक ने परियोजनाओं को निर्धारित समय से पहले ही पूरा कर लिया और काफी बचत भी की । इसके परिणामस्वरूप वह और ज्यादा काम कर सकी। सैगुआपैक ऋण के भुगतानों की भी अदायगी कर रही है।
मुख्य चुनौतियां
सहकारी संस्थाओं के मुख्य सरोकारों को संक्षेप में नीचे दिया गया हैः
• जल संसाधनों की उपलब्ध्ता
• सफाई तक कम लोगों की पहुंच
• विकास की रणनीतिक योजना के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता
• नगर के बाहरी इलाकों में कार्यरत छोटे संचालक (ऑपरेटर)
जल संसाधनों की उपलब्धता
इस समय पेयजल आपूर्ति व्यवस्था का केवल एक स्रोत है और वह है भूजल। सैगुआपैक भूजल को चार क्षेत्रों में 47 कुओं से निकालता है (2003 में इसका वार्षिक उत्पादन 450 लाख क्यूबिक मीटर था)।
इस विषय पर हो रहे अध्ययनों के अनुसार और इन भूगर्भीय जल स्तरों के सुनियोजित इस्तेमाल और संपूर्ति के मद्देनजर यह अनुमान किया गया है कि सन् 2017 तक कोई न कोई अतिरिक्त जलस्रोत ढूंढ निकालना जरूरी होगा। इस तारीख तक भूजल के भंडार अपेक्षित मांग पूरी कर पाने में अपर्याप्त होंगे लेकिन सैगुआपैक 2017 से पहले ही इस समस्या के समाधान के लिए वैकल्पिक स्रोतों की तलाश कर रहा है।
सफाई तक सबकी पहुंच नहीं
मौजूदा समय में सफाई सेवाओं तक केवल 50 प्रतिशत आबादी की पहुंच है लेकिन जनसंख्या वृद्धि के संकेतक की सफाई सेवाओं में वृद्धि से तुलना करने पर पता चलता है कि यदि नये निवेश न किये गये तो सफाई सेवाओं तक पहुंच का संकेतक और नीचे आ जायेगा। नगर की जनसंख्या की वार्षिक वृद्धि छह प्रतिशत है। जनसंख्या में इस बढ़ोत्तरी को वित्तीय योजना में ध्यान में रखा गया है। इसमें सबसे ज्यादा धनराशि सफाई के बुनियादी ढांचे को आवंटित की गयी है। इसके साथ ही एक और चिंताजनक बात यह है कि पीने के पानी का एकमात्र स्रोत भूजल ही है। सफाई संजाल का विस्तार करने में इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि भूजल संदूषित न होने पाये। फिलहाल जो बेकार पानी सफाई संजाल में जमा नहीं किया जाता वह सेप्टिक टैंक में जाता है जो भूजल को सीधे प्रदूषित करता है।
वित्तीय संसाधन जुटाना
योजना के प्रारंभिक वर्षों में वास्तविक आय और दूसरी ओर निवेश तथा क्रियान्वयन लागतों के बीच की खाई लगभग 500 लाख अमेरिकी डॉलर की जरूरत प्रदर्शित करती है। अनेक विकल्प खोजे गये हैं: जैसे (1) बहुपक्षीय ऋण (2) वाणिज्यिक ऋण (3) ऑपरेटर कार्यपद्धति में रणनीतिक साझीदारी (4) गैर ऑपरेटर कार्यपद्धति के तहत रणनीतिक साझीदारी (5) उपरियायतें अथवा बनाओ, चलाओ, हस्तांतरित करो (बी ओ टी) अनुबंध। सैगुआपैक के लिए प्राथमिकता वाले विकल्प इस क्रम में हैः (1) एकपक्षीय ऋण, (2) गैर आपरेटर रणनीतिक साझीदारी, तथा (3) वाणिज्यिक ऋण और बी ओ टी।
सैगुआपैक ने बहुपक्षीय ऋण प्राप्त करने की दिशा में कुछ कदम उठाये हैं। बहुपक्षीय एजेंसियों के साथ ऋण संबंधी वार्तालाप में सरकार वह पक्ष है जो सौदे की गारंटी लेता है लेकिन ब्याज का भुगतान सैगुआपैक करती है। लेकिन, देश की सीमित ऋण सामर्थ्य के कारण इन ऋणों तक पहुंच बहुत कठिन है।
नगर के बाहरी क्षेत्रों में कार्यरत छोटे संचालक
पीने के पानी की आपूर्ति की इन छोटी व्यवस्थाओं का जन्म नगर के अनियंत्रित रूप से बढ़ने के कारण हुआ। इनका संचालन सैगुआपैक से अलग आठ संचालक स्वतंत्र रूप से करते हैं। नगर के विस्तार की विशेषता उपाश्रित क्षेत्र थे जिनमें पानी की स्वतंत्र आत्मनिर्भर व्यवस्थाओं का निर्माण किया गया, क्योंकि मौजूदा बुनियादी ढांचा उनकी जरूरतें पूरी नहीं कर सकता था। कुछ समय बाद ये व्यवस्थाएं मजबूत हो गयीं और अब वे नगर के बाह्य क्षेत्र को पानी की आपूर्ति करती हैं हालांकि इस सेवा की गुणवत्ता खराब है और इन कंपनियों के स्थायित्व की कोई गारंटी नहीं है। इसके अतिरिक्त सरकार की ओर से इन कंपनियों की संख्या कम करने तथा भिन्न भिन्न गुणवत्ता वाली जल सेवाओं से बचने के लिए कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गयी है। पीने के पानी और सफाई सेवाओं के प्रभारी सरकारी निकाय (सुपरिंटेडेसिया दे सेनियामिएंतो बासिको- एस आई एस ए बी) को अधिक प्रभावी भूमिका निभानी चाहिए।
निष्कर्ष
सैगुआपैक के काम और परिणामों का विश्लेषण करने पर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि यह कंपनी उत्कृष्ट स्तर का पीने का पानी और बढ़िया सफाई सेवाएं प्रदान करती है। इसके आत्मनिर्भर, स्वतंत्र सहकारी दर्जे और इसके सदस्यों की भागीदारी के कारण यह सेवा अनेक प्रकार से लाभान्वित हुई है। यह कंपनी राजनीतिक हस्तक्षेप से बची है और इस कारण अपनी योजनाओं को जारी रख सकी है। यह कंपनी अपने सदस्यों की लोकतांत्रिक सहभागिता पर आधारित है। सांताक्रूज दे ला सिएरा के संदर्भ में सैगुआपैक की आर्थिक और वित्तीय स्थिति उसे इस बात पर मजबूर कर रही है कि वह विकास की अपनी रणनीतिक योजना के प्रारंभिक वर्षों के लिए आर्थिक संसाधनों की तलाश करे ताकि उसका स्थायित्व सुनिश्चित हो सके। इसके लिए अपने वित्तीय कामों के लिए उसे राज्य की गारंटी की जरूरत है यद्यपि उसके वित्तीय दायित्व उपयोगकर्ताओं के शुल्कों से पूरे हो जायेंगे। एक महत्वपूर्ण तत्व यह है कि सैगुआपैक के सहकारिता दर्शन के अनुसार उसका मुख्य लक्ष्य मुनाफा कमाना नहीं बल्कि अपने सदस्यों का कल्याण करना है।
सैगुआपैक का मॉडल सार्वजनिक और निजी मॉडल का एक विकल्प है। उसे विश्व बैंक के 2003 जल सप्ताह में अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया था। सैगुआपैक से प्रभावित हो कोबिजा, ट्रिनीडाड, तारिजा तथा बोलीविया के अन्य शहरों ने भी अपने यहां जलापूर्ति सहकारिताएं स्थापित की हैं। यद्यपि ये नगर अभी सांताक्रुज जैसी कार्य कुशलता और स्थायित्व नहीं हासिल कर पाये हैं फिर भी यह स्पष्ट है कि इस मॉडल का प्रतिरूप बनाना संभव है।
लुइस फर्नांडो यवरी सैगुआपैक के योजना और व्यवस्था प्रबंधक हैं।