बेंगलुरु में बाढ़ क्यों आई

Submitted by Shivendra on Tue, 09/06/2022 - 16:31

आज कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में भारी बारिश हुई  जिससे ट्रैफिक, बिजली की कटौती और घरों में जल भराव हुआ।मौसम विभाग के अनुसार इस हफ्ते भी बेंगलुरु को बारिश से कोई राहत नहीं मिनले की संभावना है। हर साल सितंबर और अक्टूबर के महीनों में बेंगलुरु बाढ़ के लिए अतिसंवेदनशील होता है।

केवल कुछ मिलीमीटर बारिश ने बेंगलुरु की अगस्त1998 में हुई सर्वाधिक 87.1 मिमी बारिश की लगभग बराबरी की है इस साल अगस्त में 370 मिमी वर्षा होने का अनुमान लगाया गया है।  वही इससे पहले  2021 में अगस्त  महीने में बेंगलुरु में 98.5 मिमी बारिश हुई, 2019 में 146.8 मिमी और  2018 में 158.3 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। शहर में  01 जून, 2022 से 769 मिमी बारिश हुई है, जो इस समयावधि के 425 मिमी औसत से काफी अधिक है।

बेंगलुरु में बाढ़ क्यों आई है?

बेंगलुरु में बाढ़ आने का कारण कुछ तकनीकी खामियां भी है शहर को तकनीकी पार्कों से जोड़ने वाले आउटर रिंग रोड  (जिसे डॉ पुनीत राजकुमार रिंग रोड के नाम से भी जाना जाता है)  में  बुनियादी ढांचे की कमी के कारण अक्सर बाढ़ आ जाती  है। कुछ लोगों का मानना ​​है कि शहर में बाढ़ आने से लोग परेशान हैं क्योंकि यह शहर  आईटी हब की  पहचान को प्रभावित करता है। 

इस बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बाढ़ के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाले पिछले प्रशासन के "कुप्रबंधन" को जिम्मेदार ठहराया। सीएम बोम्मई ने दावा किया कि उनके प्रशासन ने बेंगलुरु को बहाल करने और इसी तरह की घटनाओं को फिर से होने से रोकने की चुनौती को स्वीकार किया है।

सामाजिक कार्यकर्ता नागेश अरास के अनुसार

2005 में कम से कम 110 गांवों को बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) में जोड़ा गया था, लेकिन नगर निगम ने गांवों को शहर के सीवेज बुनियादी ढांचे से जोड़ने की जहमत नहीं उठाई। इस वजह से जब भी बारिश तेज आती है तो सभी नाले नालियां चौक हो जाती है जिससे बारिश का  पानी के साथ कच्चे सीवरेज का पानी भी ओवरफ्लो होकर आउटर रिंग रोड की और बहने लगता है।   

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बेंगलुरू का ड्रेनेज इंफ्रास्ट्रक्चर अप्रत्याशित रूप से तेज बारिश की अवधि को संभालने के लिए तैयार नहीं है। कचरा अक्सर नालियों को बंद कर देता है, जो सीवेज के प्रवाह को सीमित कर देता है  इसलिए शहर में बढती आबादी के लिए  ये पर्याप्त नहीं है 

नागेश डेक्कन हेराल्ड के साथ एक पॉडकास्ट के दौरान बताया किया कि इस समय सड़क नेटवर्क डिजाइन और लीक सिस्टम डिजाइन दोनों गलत हैं। इसके अलावा, अतिरिक्त पानी को बफर करने के लिए झीलों के उपयोग की कोई उचित योजना भी  नहीं है।


भारी बारिश के समय क्या उचित कदम उठाने चाहिए उसके लिए बीबीएमपी  जिम्मेदार है लेकिन  उल्टा बीबीएमपी पर सड़क के किनारे की नालियों को बड़ी नालियों से जोड़ने का आरोप लगया जाता  है। जिससे शहर में तकनीकी रूप से बाढ़ की स्थिति पैदा  होती है ।   

क्या है हल?

वही  सिटीजन मैटर्स के अनुसार,

बाढ़ से बचा जा सकता है यदि प्रत्येक भूखंड को बारिश की हर बूंद भंडारण या रिचार्ज करने की व्यवस्था बनाई जाये । इसके आलावा  कंक्रीट के बजाय ठोस सतहों का उपयोग पार्किंग स्थल, फुटपाथ, पैदल चलने और जॉगिंग लेन, अपार्टमेंट, कंपनियों और आम क्षेत्रों में किया जाना चाहिए ।  

लंबे समय तक चलने वाला समाधान विकसित करने के लिए, सभी पक्षों को मुद्दों को स्वीकार करना चाहिए और पूरी रणनीति अपनानी चाहिए। बिजनेस एनालिटिक्स के पेशेवर राघवेंद्र प्रसाद बीआर ने 2002 और 2022 के बीच क्या  बदला है,उसका तुलनात्मक अध्ययन साझा करते हुए कहा कि लोगों को अतिक्रमित भूमि से अपार्टमेंट लेने से इनकार करना चाहिए, राजनेताओं और नौकरशाहों को जवाबदेह बनाना चाहिए और उपलब्ध मंचों पर आवाज उठानी चाहिए।