ऊर्जा संकट से निपटने के लिए बीईई की नई पहल

Submitted by Shivendra on Wed, 12/14/2022 - 15:53

ऊर्जा संकट,फोटो- alfred, flickerIndiawaterportal

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस हर साल 14 दिसंबर 2022 को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य ऊर्जा दक्षता और संरक्षण में देश की उपलब्धियों को प्रदर्शित करना है। यह अवसर 1991 से मनाया जा रहा है जब इसका नेतृत्व ऊर्जा मंत्रालय द्वारा किया जाता है। यह दिन ऊर्जा के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है क्योंकि यह हरित और उज्जवल भविष्य का सबसे अच्छा तरीका है।

भारत के बिजली मंत्रालय के तहत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने पुरस्कारों के माध्यम से अपने उत्पादन को बनाए रखते हुए ऊर्जा की खपत को कम करने में उद्योगों और प्रतिष्ठानों के योगदान को मान्यता देने के लिए 1991 में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार शुरू किया। पहली बार पुरस्कार 14 दिसंबर, 1991 को दिए गए थे। तब से, इस दिन को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के रूप में घोषित किया गया है। ये पुरस्कार प्रत्येक वर्ष उसी दिन आयोजित एक समारोह में प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा प्रदान किए जाते हैं।

बीईई हर साल राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस समारोह का नेतृत्व करता है। इस दिवस को मनाने का प्राथमिक उद्देश्य ऊर्जा दक्षता और संरक्षण के महत्व के बारे में जन जागरूकता फैलाना है। ऊर्जा के संरक्षण से पर्यावरण पर दबाव कम होगा और बिजली और विस्तार में कमी आएगी।

 

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वही इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू  ने आज  ईवी यात्रा पोर्टल और एक मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च  किया। जो निकटतम सार्वजनिक ईवी चार्जर के लिए इन-व्हीकल नेविगेशन की सुविधा प्रदान करेगा। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू  ने   राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार और राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता नवाचार पुरस्कार के विजेताओं को भी सम्मानित किया।  
     
ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (बीईई) ने देश में ई-गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न केंद्रीय और राज्य-स्तरीय पहलों पर सूचना का प्रसार करने के लिए निकटतम सार्वजनिक ईवी चार्जर और एक वेबसाइट में इन-व्हीकल नेविगेशन की सुविधा के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया है। इसके साथ ही बीईई ने चार्जिंग पॉइंट ऑपरेटरों (सीपीओ) को राष्ट्रीय ऑनलाइन डेटाबेस में सुरक्षित रूप से अपने चार्जिंग विवरण दर्ज करने में सक्षम बनाने के लिए एक वेब पोर्टल  को भी विकसित किया है।

बता दे एक अनुमान के अनुसार  2013 और 2030 के बीच भारत की ऊर्जा मांग दोगुनी  हो सकती है, जो मोटे तौर पर 1500 मिलियन टन यानि पेट्रोल डीज़ल के बराबर तक पहुंच जाएगी। ऐसे में बीईई का लक्ष्य  है  कि  वह ऐसी रणनीति और नीतियों का  निर्माण  करे  जो ऊर्जा की इस मांग को कम करने के प्रयास में ऊर्जा दक्षता उपायों को व्यापक रूप से अपनाने को प्रोत्साहित करे।