भोर समै डरडम्बरा

Submitted by Hindi on Sat, 03/20/2010 - 11:38
Author
घाघ और भड्डरी

भोर समै डरडम्बरा, रात उजेरी होय।
दुपहरिया सूरज तपै, दुरभिछ तेऊ जोय।।


शब्दार्थ- डरडम्बरा – आकाश में बादल

भावार्थ- यदि सुबह आसमान में बादल हों और रात्रि में आसमान स्वच्छ हो औऱ दोपहर में सूर्य तपे अर्थात कड़ी धूप हो तो निश्चय ही अकाल पड़ने वाला है।