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विज्ञान प्रसार

भूकंप इतनी तेज और आकस्मिक गति से तबाही मचाता है कि लोगों को बचाव का अवसर ही नहीं मिल पाता। पिछले 20 वर्षों (सन् 1980-2000) में पृथ्वी के आवासीय क्षेत्रों में 26 भयंकर भूकंप आ चुके हैं। उनमें लगभग डेढ़ लाख लोगों की मौत हो चुकी है। हाल के वर्षों में भारत में सबसे विनाशकारी भूकंप गुजरात में आया था। 26 जनवरी 2001 को जब राष्ट्रपति राजधानी नई दिल्ली में 52 गणतंत्र दिवस पर सलामी ले रहे थे, तभी वहां से दूर गुजराद में 23.40 अक्षांस और 70.32 देशांतर तथा भूतल में 23.6 किमी. की गहराई पर भूकंप का एक तेज झटका आया। उसने राष्ट्र की उल्लासमय मनःस्थिति को राष्ट्रीय अवसाद में बदल दिया।
15 अगस्त 1950 को असम में आए भूकंप के बाद भारत मे आया यह सबसे तेज भूकंप था। उत्तरी असम में आए 8.5 परिमाण वाले उस भूकंप ने 11,538 लोगों की जान ले ली थी। सन् 1897 में शिलांग के पठार में आए एक अन्य भूकंप का परिमाण 8.7 था। ये दोनों भूकंप इतने तेज थे कि नदियों ने अपने रास्ते बदल दिए। इतना ही नहीं भूमि के उभार में स्थाई तौर पर परिवर्तन आ गया और पत्थर ऊपर की ओर उठ गए।
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