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विज्ञान प्रसार
भूजल, जो मृदा, रेत एवं चट्टानों की दरारों और छिद्रों में इकट्ठा रहता है। देश की पेयजल और सिंचाई की तीन चौथाई जरूरतें भूजल से ही पूरी होती है। भूजल, पृथ्वी के कुल मानव उपयोग होने वाले जल का 98 प्रतिशत है। सबसे सहज और सबसे आसानी से उपलब्ध होने वाला जल भूजल ही है।
देश के कई हिस्से भूजल में कमी के संकट को झेल रहे हैं। लगातार भूजल का दोहन भू-जलस्तर को नीचे गिरा रहा है। भूजल पर एक और बड़ा संकट उसके प्रदूषणकारी हैं। भूजल को फिल्टर करना आसान नहीं है।
विज्ञान प्रसार में भूजल की उपयोगिता, महत्व और संकट को दर्शाने के लिए एक पोस्टर जारी किया है। पोस्टर की स्कैन कॉपी संलग्नक में उपलब्ध है।
देश के कई हिस्से भूजल में कमी के संकट को झेल रहे हैं। लगातार भूजल का दोहन भू-जलस्तर को नीचे गिरा रहा है। भूजल पर एक और बड़ा संकट उसके प्रदूषणकारी हैं। भूजल को फिल्टर करना आसान नहीं है।
विज्ञान प्रसार में भूजल की उपयोगिता, महत्व और संकट को दर्शाने के लिए एक पोस्टर जारी किया है। पोस्टर की स्कैन कॉपी संलग्नक में उपलब्ध है।