महाद्वीपीय विस्थापनः
पृथ्वी के भीतर एक गभीरस्थ, श्यान (viscous) या प्लास्टिक क्षेत्र पर महाद्विपों का परिकल्पित मंद संचलन।
वह परिकल्पना जिसके अंतर्गत यह विचार किया जाता है कि महाद्वीपीय संहतियाँ किसी भूवैज्ञानिक काल में विस्थापित हुई हैं, और भूमंडल पर जिनकी वर्तमान स्थिति मूल भूसंहति के खंडित और विलग होने के परिणामस्वरूप है। इस परिकल्पना का प्रतिपादन एल्फ्रेड वेगनर (सन् 1910) ने किया था।