Coral reef in hindi

Submitted by Hindi on Mon, 04/05/2010 - 10:30

प्रवाल भित्तिः
बृहत् विस्तार की एक भित्ति जिसकी रचना मुख्यतः प्रवाल खंडों, प्रवाल रेणु शैवाल और अन्य जैव निक्षेपों तथा रसायनतः अवेक्षेपित (precipitated) कैल्सियम एवं मैग्नीशियम कार्बोनेटों से होती है।

प्रवाल तथा अन्य जैविक पदार्थों के निक्षेपों के ठोस होने से निर्मित कटक जो सागर तल के निकट तक ऊँचे होते हैं किंतु प्रायः सागरीय जल में डूबे रहते हैं। अधिकांश प्रवाल भित्तियां संकरे महाद्वीपीय मग्नतटों पर पायी जाती हैं जिनका सागरवर्ती पार्श्व तीव्र ढालयुक्त होता है। स्थिति तथा आकृति के अनुसार प्रवाल भित्तियों को मुख्यतः तीन वर्गों में विभक्रत किया जाता है-1. तटीय प्रवाल भित्ति, 2. अवरोधक प्रवाल भित्ति, तथा 3. प्रवाल वलय या वलयाकार प्रवाल भित्ति ।

तटीय प्रवाल भित्ति (fringing reef) का निर्माण महाद्वीपीय तट के समानांतर तथा स्थलीय भाग के अधिक समीप होता है और चौड़ाई कम होती है।

अवरोधक प्रवाल भित्ति (barrief reef) सागर तट से अपेक्षाकृत दूर तथा उसके समानांतर पायी जाती है जो अपेक्षाकृत अधिक चौड़ी,ऊँची तथा लम्बी होती है। किसी द्वीप या जलमग्न पठार के चारों ओर वलय (ring) के रूप में निर्मित प्रवाल भित्ति को प्रवाल वलय (atoll) कहते हैं।

अन्य स्रोतों से
समुद्र में प्रवाल-चूनापत्थर (limestone) से बनी एक भित्ति जिसमें प्रवाल-पॉलिप-कॉलोनियों के संचित कंकाल पाए जाते हैं।