दुइ हर खेती यक हर बारी

Submitted by Hindi on Mon, 03/22/2010 - 09:52
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घाघ और भड्डरी

दुइ हर खेती यक हर बारी।
एक बैल से भली कुदारी।।


शब्दार्थ- हर-हल।

भावार्थ- यदि किसान के पास दो हल हैं तो खेती और एक हल है तो साग तरकारी की बाड़ी अच्छी होती है और जिस किसान के पास एक ही बैल हो तो उससे अच्छा है वह कुदाल ही रखे।