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दैनिक भास्कर, 17 जून 2014
आखिरकार उप-राज्यपाल नजीब जंग के आदेश को एक साल बाद दिल्ली विकास प्राधिकरण अमलीजामा पहनाने जा रहा है। डीडीए ने द्वारका में 9 पुराने जलाशयों को पुनर्जीवित करने का कार्य शुरू कर दिया है। डीडीए वीसी बलविंदर कुमार ने सीधे हस्तक्षेप करते हुए परियोजना को मानसून के आने तक पूरा करने का निर्देश दिया है।
द्वारका के सेक्टर 8, सेक्टर 22, सेक्टर 24, सेक्टर 25, सेक्टर 19, सेक्टर 7 और सेक्टर 20 में 9 तालाब स्थित हैं, जो वर्तमान में सूख चुके हैं और देखरेख के अभाव में इनका अस्तित्व भी समाप्त होने के कगार पर है। इन तालाबों की देखरेख के लिए द्वारका वाटर बॉडीज पिछले एक साल से प्रयासरत है। पिछले साल जून महीने में पर्यावरणविदों की मांग पर उप-राज्यपाल ने इस कमेटी का गठन किया था और डीडीए को तालाबों को पुनर्जीवित करने का निर्देश दिया था, लेकिन डीडीए के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट और लैंड स्केप दिपार्टमेंट ने एलजी के आदेश को नजरअंदाज कर दिया।
इस महीने कमेटी के सदस्यों ने दोबारा स्थानीय सांसद प्रवेश वर्मा और डीडीए उपाध्यक्ष बलविंदर कुमार से मुलाकात की। बलविंदर कुमार ने इस मामले में कमेटी के सदस्यों को आश्वासन दिया है कि मानसून शुरू होते ही 9 प्रमुख तालाबों को पुनर्जीवित कर दिया जाएगा। डीडीए उपाध्यक्ष ने कमेटी के सदस्यों को खुद इस मामले में समय-समय पर रिपोर्ट देने को कहा है।
कमेटी के वरिष्ठ सदस्य दीवान सिंह कहते हैं कि द्वारका क्षेत्र में 40 जलाशय हैं। इनमें से शुरू में 9 जलाशयों को पुनर्जीवित करने का कार्य किया जा रहा है। इस बाबत जलाशय में बारिश के पानी को लाने की व्यवस्था करना अनिवार्य है। इन जलाशयों को पुनर्जीवित करने से द्वारका के जलस्तर में काफी सुधार हो जाएग। फिलहाल यहां पर लगभग 90 फीट नीचे जलस्तर है। साथ ही पानी की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
दीवान सिंह का कहना है कि द्वारका के जलाशयों को संरक्षित करने और इन्हें बरसाती नाले से लिंक करने पर लगभग 20 लाख गैलन पानी की रोजाना बचत कर सकते हैं, जो कि भूजल स्तर के सुधार के लिए महत्वपूर्ण होगा।
द्वारका के सेक्टर 8, सेक्टर 22, सेक्टर 24, सेक्टर 25, सेक्टर 19, सेक्टर 7 और सेक्टर 20 में 9 तालाब स्थित हैं, जो वर्तमान में सूख चुके हैं और देखरेख के अभाव में इनका अस्तित्व भी समाप्त होने के कगार पर है। इन तालाबों की देखरेख के लिए द्वारका वाटर बॉडीज पिछले एक साल से प्रयासरत है। पिछले साल जून महीने में पर्यावरणविदों की मांग पर उप-राज्यपाल ने इस कमेटी का गठन किया था और डीडीए को तालाबों को पुनर्जीवित करने का निर्देश दिया था, लेकिन डीडीए के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट और लैंड स्केप दिपार्टमेंट ने एलजी के आदेश को नजरअंदाज कर दिया।
इस महीने कमेटी के सदस्यों ने दोबारा स्थानीय सांसद प्रवेश वर्मा और डीडीए उपाध्यक्ष बलविंदर कुमार से मुलाकात की। बलविंदर कुमार ने इस मामले में कमेटी के सदस्यों को आश्वासन दिया है कि मानसून शुरू होते ही 9 प्रमुख तालाबों को पुनर्जीवित कर दिया जाएगा। डीडीए उपाध्यक्ष ने कमेटी के सदस्यों को खुद इस मामले में समय-समय पर रिपोर्ट देने को कहा है।
द्वारका में हैं 40 जलाशय
कमेटी के वरिष्ठ सदस्य दीवान सिंह कहते हैं कि द्वारका क्षेत्र में 40 जलाशय हैं। इनमें से शुरू में 9 जलाशयों को पुनर्जीवित करने का कार्य किया जा रहा है। इस बाबत जलाशय में बारिश के पानी को लाने की व्यवस्था करना अनिवार्य है। इन जलाशयों को पुनर्जीवित करने से द्वारका के जलस्तर में काफी सुधार हो जाएग। फिलहाल यहां पर लगभग 90 फीट नीचे जलस्तर है। साथ ही पानी की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
20 लाख गैलन पानी की होगी बचत
दीवान सिंह का कहना है कि द्वारका के जलाशयों को संरक्षित करने और इन्हें बरसाती नाले से लिंक करने पर लगभग 20 लाख गैलन पानी की रोजाना बचत कर सकते हैं, जो कि भूजल स्तर के सुधार के लिए महत्वपूर्ण होगा।