धुर आसाढ़ी बिज्जु की

Submitted by Hindi on Thu, 03/18/2010 - 14:56
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घाघ और भड्डरी

धुर आसाढ़ी बिज्जु की, चमक निरन्तर होय।
सोमाँ सुकराँ सुरगुराँ, तो भारी जल होय।।


शब्दार्थ- सुकराँ-शुक्र।

भावार्थ- यदि आषाढ़ कृष्ण पक्ष में सोमवार, शुक्रवार और वृहस्पतिवार को थोड़ी-थोड़ी देर में लगातार बिजली चमके तो वर्षा अधिक होगी।