एक समय बिधिना का खेल

Submitted by Hindi on Wed, 03/24/2010 - 10:13
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घाघ और भड्डरी

एक समय बिधिना का खेल। रहा उसर में चरत अकेल।।
एक बटोही हर हर कहा। ठाढ़े गिरा होस ना रहा।।


भावार्थ- एक गादर बैल कहता है कि ईश्वर की लीला तो देखो; एक बार मैं ऊसर में अकेला चर रहा था। एक आदमी ने ‘हर-हर’ कहा मैं उसे हल समझ कर बेहोश हो गया।