जिस देश में नदियों को कैद करने के लिए दिन-प्रतिदिन एक नई कोशिश चल रही हो। ऐसे में 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस मनाना एक रस्म अदायगी से ज्यादा कुछ नही। यदि भारत को टिकाऊ व्कास चाहिए, तो हमें अपनी नदियों के प्रवाह को शुद्ध-सदानीरा, नैसर्गिक और आजाद बनाना होगा। नदियों के किनारे सघन और स्थानीय जैव विविधता का सम्मान करने वाली हरित पटिटयों के विकास से ही संभव है। लेकिन यह तभी हो सकता है जब नदियों की भूमि अतिक्रमण और प्रदूषण से मुक्त हो। नदी भूमि का हस्तानान्तरण एवम् रूपारन्तरण रूकें। उत्तराखण्ड में भागीरथी पर बांध, दिल्ली में यमुना में खेलगांव-मैट्रो आदि निर्माण, उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेस वे नाम का तटबंध, बिहार और बंगाल में क्रमश: पहले से बंधी कोसी और हुगली........ सब नदियों को कैद करने का ही काम है।
गंगा जल बिरादरी इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर इस संकल्प वाक्य के साथ गंगा और दूसरी नदियों की आजादी का उद्घोश करेगी कि स्वतंत्रता नदियों का प्रकृतिप्रदत्त अधिकार है। हम इसे हासिल करके रहेंगे।
गंगा के तट पर कोलकाता में प्रथम गंगा आजादी शिविर का आयोजन कर गंगा जल बिरादरी इस महायज्ञ का शुभारम्भ करेगी। कोलकाता में होने वाले गंगा आजादी शिविर के आयोजन में भाग लें।
गंगा आजादी शिविर का आयोजन
15 अगस्त 2009 कोलकाता
सम्पर्क :- राजेन्द्र सिंह
अध्यक्ष जल बिरादरी
34/46 किरण पथ मानसरोवर जयपुर - 302020,
मो. 09414066765
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Mr.Janak Daftari, Shibir Director, 093222 92908
Mr.Arun Tiwari, convener, Ganga Jal Biradari, 098687 93799
Dr.Kalyan Rudra, convener, Ganga Azadi Adhiveshan, 094330 07176