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एनडीटीवी, 19 जनवरी 2013
गंगा को प्रदूषण से बचाने की जिम्मेदारी जिन विभागों के पास है, वे अपनी भूमिका का निर्वहन सही तरीके से नहीं कर रहे हैं। यही वजह है कि लाख कोशिश के बाद भी गंगा मैली ही हैं। प्रशासन की नजरों से छुपकर अब भी कई छोटी टेनरियां चल रही हैं और उनसे चमड़े की छीलन और धोअन को नालों के सहारे गंगा में बहाया जा रहा है। तमाम रोक लगाने के बावजूद आज भी गंगा में करोड़ों लीटर सीवर का पानी गंगा में मिल रहा है। अब जब इलाहाबाद में महाकुंभ आरंभ हो गया है तब तमाम संत गंगा प्रदूषण से नाराज हैं।