गवन समय जो स्वान

Submitted by Hindi on Fri, 03/26/2010 - 09:33
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घाघ और भड्डरी

गवन समय जो स्वान। फरफराय दे कान।।
एक सूद्र दो बैस असार। तीनि विप्र और छत्री चार।।

सनमुख आवैं जो नौ नार। कहैं भड्डरी असुभ विचार।।


शब्दार्थ- स्वान- कुत्ता। फरफराय-फड़फड़ाना।

भावार्थ- भड्डरी कहते हैं कि यात्रा पर निकलते समय यदि घर के बाहर कुत्ता खड़ा कान फटपटा रहा हो तो अशुभ होता है। यदि सामने से एक शूद्र, दो वैश्य, तीन ब्राह्मण, चार क्षत्रिय और नौ स्त्रियाँ आ रही हों तो अशुभ होता है।