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नेशनल दुनिया, 27 अप्रैल, 2016
नई दिल्ली। गर्मी के दौरान दिल्ली में पेयजल के भारी संकट को देखते हुए मंगलवार को जल मंत्री कपिल मिश्रा ने समर एक्शन प्लान 2016 जारी कर दिया है। प्लान के मुताबिक हर लोगों को पानी मिले इसके लिये पुख्ता प्रबन्धन किए गए हैं। सभी प्लांटों के साथ लैबोरेटरीज़ को सभी सुविधाओं से लैस कर दिया गया है। साथ ही जल बोर्ड के अधिकारियों को हर हाल में लोगों तक पानी की पहुँच सुनिश्चित करने को कहा गया है।
जल मन्त्री कपिल मिश्रा ने समर एक्शन जारी करते हुए बताया कि इस प्लान को जारी करने से पहले चार चरणों में सभी 70 विधायकों से सलाह मशविरा किया गया। सभी विधायकों के सुझावों का भी प्लान में ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि गर्मी के दौरान जल बोर्ड पहले से ज्यादा 900 एमजीडी पानी का आपूर्ति करेगी। आगामी छह महीने के अन्दर 165 नये अनधिकृत कॉलोनियों में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिये जरूरी आधार सुविधाओं को विकसित करने का काम जारी है। इन कॉलोनियों में, 40 विधानसभा क्षेत्रों में फैले हैं। वहीं 55 विधानसभा क्षेत्रों में सीवेज सिस्टम को मजबूत करने का तेजी से काम जारी है। इसे 380 एमजीडी से बढ़ाकर 455 एमजीडी किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पेयजल को लेकर हर स्थिति से निपटने के लिये दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को रहने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि प्रदूषित पानी और पेयजल की कमी की समस्या को हर स्तर पर समाधान निकाला जाएगा। ताकि गर्मी के दौरान किसी को भी परेशानी न हो।
उन्होंने कहा कि गर्मी के महीनों में जल बोर्ड 900 एमजीडी पानी डेली बेसिस पर आपूर्ति करेगी। द्वारका और बवाना प्लांट में 55 एमजीडी पानी आपूर्ति क्षमता का विकास करने का काम जारी है। 12 नये ट्यूबवेल लगाकर अतिरिक्त पानी के स्रोतों को विकसित किया जाएगा। इससे 20 से 35 एमजीडी पानी मिलने की सम्भावना है। इसके अलावा दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में 60 नये ट्यूबवेल, रैनी वेल का विकास, और पहले से चल रहे ट्यूबवेलों की मरम्मत के साथ बूस्टर पम्प स्टेशनों की मरम्मत का काम को तत्काल पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है। जहाँ तक पेयजल की गुणवत्ता की बात है तो उसे समझौता नहीं किया जाएगा। उसे आदर्श मानकों के स्तर को बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिये जरूरी क्लोरिन व अन्य रासायनिक पदार्थों की व्यवस्था की गई है। वजीराबाद और चंद्रावाल प्लांट का बार-बार बन्द होने की शिकायतों को दूर करने के लिये नए अमोनिया ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा चुका है। ताकि पेयजल में अमोनिया की मात्रा को मानकों के अनुरूप बनाये रखना सम्भव हो सके।