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नेशनल दुनिया, 19 जुलाई 2016
हस्तिनापुर। रविवार रात को बिजनौर बैराज से छोड़े गये लाखों क्यूसेक पानी से गंगा नदी में फिर से उफान आ गया है। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही बरसात के कारण स्थिति और भी ज्यादा नाजुक हो गई है।
पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश और रविवार देर रात बिजनौर बैराज से बढ़े डिस्चार्ज के कारण गंगा और सोती नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया यहाँ के क्षेत्रों में वही हुआ जिसका स्थानीय लोगों को पहले से डर था। गंगा के जलस्तर में हो रही वृद्धि से गंगा किनारे बसे दर्जनों गाँवों के हालात नाजुक हो गई है। गंगा का पानी दर्जनों गाँवों के सम्पर्क मार्गों पर फैलने के कारण आवागमन में दिक्कतें आ रही हैं। सोमवार को बिजनौर बैराज से 1 लाख 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जो गंगा बाँध के ऊपर से निकल किसानों की खड़ी फसल में पहुँच गया। क्षेत्र में घुसे पानी के चलते लोगों की समस्याएँ बढ़ गई हैं। वहीं गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर प्रशासन ने न ही कोई तैयारी की है और न ही बाढ़ से निपटने के लिये कुछ पुख्ता इंतजाम किये हैं।
लगभग एक सप्ताह पूर्व गंगा और सोती नदियों के जलस्तर में शुरू हुए उतार चढ़ाव से खादरवासियों को राहत मिलती नजर नहीं आर रही। आए दिन गंगा जल स्तर में उतार चढ़ाव से खादर क्षेत्र के लोग भयभीत हैं। रविवार रात को बिजनौर बैराज से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी से गंगा नदी में फिर से उफान आने लगा है। खादर क्षेत्र में आई बाढ़ ने गंगा किनारे बसे दर्जनों गाँव, भीकुड़, हसावाला, भागोंवाला, चमारोज, छोटी चमारोज, दुधली, हटुपरा, हसापुर, परसापुर, भागोंवाला, मानपुर, शहजादपुर, बगाली बस्ती मखदूमपुर, मनोहरपुर, खेडीकला, बधुवा, बधुवी, शेरपुर, फतेहपुर प्रेम, मखदुमपुर, गांवडी, को अपनी चपेट में ले लिया है।
बिजनौर बैराज पर तैनात जेई मनोज त्रिवेद्वी के अनुसार सोमवार को बिजनौर बैराज से गंगा नदी में 1 लाख 64 हजार और हरिद्वार से 1 लाख 62 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज चल रहा था। जिससे मंगलवार को गंगा जलस्तर में और वृद्धि होने की संभावना है। गंगा जलस्तर में हो रही वृद्धि से सहमें ग्रामीणों ने फिर से पलायन शुरू कर दिया है।
सतर्क नहीं है प्रशासन
प्रशासन खादर क्षेत्र में आने वाली बाढ़ से निपटने के लाख दावे कर रहा है लेकिन बाढ़ प्रभावित गाँवों में लोगों के आवागमन के लिये लगाई गई एक दर्जन नावों की व्यवस्था के दावे भी झूठे साबित होते दिखाई दे रहे हैं। बाढ़ प्रभावित गाँव के लोगों का कहना है कि राहत और बचाव कार्य तो दूर की बात प्रशासन ने अभी तक आवगम के लिये नावों की भी व्यवस्था नहीं की।
स्कूलों में शिक्षा प्रभावित
एक सप्ताह पूर्व खादर क्षेत्र में आई बाढ़ का असर स्कूलों में शिक्षण कार्य पर भी पड़ता नजर आ रहा है। सोमवार को बाढ़ प्रभावित स्कूलों पर खेड़ीकला, चामरोद्व, भीकुड, दबखेडी, गाँवडी, आदि दर्जनों स्कूलों में शिक्षण कार्य प्रभावित रहा।
ये गाँव हैं या कोई टापू
गंगा जलस्तर में हो रही वृद्धि से खादर क्षेत्र के दर्जन भर से भी अधिक गाँव बाढ़ की चपेट में आ गए। इन गाँवों में भीकुड़, भागोंवाला, चमारोज, छोटी चमारोज, दुधली, जलालपुर जोरा, हटुपरा, बगाली बस्ती मखदूमपुर, मनोहरपुर, खेडीकला, बधुवा, बधुवी, शेरपुर, फतेहपुर प्रेम, मखदुमपुर, गांवडी आदि ने टापू का रूप ले लिया है।
पशुओं के चारे का संकट
बरसात और नदी का पानी खेतों में इकट्ठा होने के कारण ग्रामीणों के सामने चारे का संकट गहराता जा रहा है लोग बमुश्किल पशुओं का चारा जुटा पा रहे हैं।