इंदौर में जल आपातकाल

Submitted by admin on Sat, 12/27/2008 - 10:09

इंदौर में जलसंकट"
भास्कर न्यूज/ इंदौर. मौजूदा जलसंकट और गर्मी में पानी की किल्लत से निपटने के लिए इंदौर में पहली बार फरवरी से जून तक जल आपातकाल लागू रहेगा। आपातकाल के दौरान वितरण व्यवस्था की शिकायतों की सुनवाई के लिए निगम को कंट्रोल रूम बनाने के साथ 24 घंटों में लीकेज दुरुस्त करना होंगे। ये सभी निर्णय जलसंकट को लेकर बुधवार को आयोजित निगम के विशेष परिषद सम्मेलन में पक्ष-विपक्ष के सुझाव-शिकायतें सुनने के बाद लिए गए।

पांच घंटे से अधिक चले विशेष सम्मेलन के बाद सभापति शंकर लालवानी ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया 38 साल बाद हुई अल्पवर्षा के कारण गर्मी में इंदौर को पहली बार भीषण जलसंकट का सामना करना पड़ेगा। संकट का सामना करने के लिए जनप्रतिनिधियों की सर्वसहमति से जल आपातकाल लगाने का निर्णय लिया गया। यह कागजी नहीं होगा। ठोस क्रियान्वयन के लिए कर्मचारी, अधिकारी और जन प्रतिनिधियों की जिम्मेदारियां तय होंगी। लापरवाही बतरने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

क्यों...

* इंदौर में औसत 35 इंच बरसात होती है। 2008 में बरसात का आंकड़ा बमुश्किल 22 ईंच पहुंच सका। यानी औसत से भी सीधे 13 ईंच बरसात कम।
* यशवंतसागर में बीते साल 11.9 फीट पानी था जबकि इस साल मौजूदा आंकड़ा 7.3 फीट है। बीते साल के मुकाबले 4.6 फीट कम पानी।
* यशवंत सागर से मार्च तक जहां चार टंकियां भरती थी वहीं अब एक टंकी भर रही है।
* बिलावली तालाब से बिलावली टंकी भरती है लेकिन तालाब का जलस्तर 2008 में शून्य है।
* 3350 सार्वजनिक बोरिंगों में से 750 से ज्यादा सूख चुके हैं बाकी सूखने की कगार पर हैं।
* भरी ठंड में जनता का बढ़ता दबाव। चक्काजाम, धरना-प्रदर्शन और तोड़फोड़
* टंकियों में असमान जलवितरण की शिकायतें

क्या...

* वितरण व्यवस्था में जुटे सभी अधिकारियों-कर्मचारियों के साप्ताहिक अवकाश को छोड़कर दूसरे अवकाश निरस्त रहेंगे।

* सार्वजनिक बोरिंगों का सर्वे करके उन्हें व्यक्तिगत कब्जों से मुक्त कराया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी सिटी इंजीनियर और जोनल अधिकारियों की होगी।

* 24 घंटे में लीकेज दुरुस्त करना होंगे। आवश्यक सामग्री खरीदने की जिम्मेदारी निगम आयुक्त की होगी।

* लीकेज की शिकायतें सुनने के लिए अतिरिक्त कंट्रोल रूम की व्यवस्था होगी। कंट्रोल रूम 24 घंटे चालू रहेगा।

* निर्माण और सर्विस स्टेशनों पर नर्मदा के पानी का इस्तेमाल प्रतिबंधित।

* दो रंगों के टैंकरों से होगा पानी का वितरण। कुएं बावड़ियों का पानी निर्माण में इस्तेमाल किया जाएगा।

कैसे...

* सफाई करके के 13 बावड़ियां पुनर्जीवित होंगी।
* कबीटखेड़ी ट्रीटमेंट प्लांट का पानी निर्माण के लिए नि:शुल्क दिया जाएगा।
* अप्रैल से चलने वाले टैंकर जनवरी से दौड़ते नजर आएंगे। बजट ढाई से बढ़ाकर 11 करोड़ किया।
* निजी और निगम के मिलाकर कुल 292 टैंकर चलेंगे।
* 20 निजी बोरिंगों का अधिग्रहण
* 23 नए बोरिंगों से 13 हाइड्रेंटों की क्षमता बढ़ाना।
* 20 बोरिंग करके 10 नए हाइड्रेंट बनाना।

यह है दावा..

* टैंकरों की कालाबाजारी में कमी आएगी।
* रोजाना एक करोड़ लीटर पानी अतिरिक्त उपलब्ध होगा।

दुरुपयोग पर दंड..

* नर्मदा के पानी से कार धोने या बगीचे सींचने वालों के खिलाफ चालानी कार्रवाई या अर्थदंड।
* कितना अर्थदंड वसूला जाएगा, इसका निर्णय महापौर की अध्यक्षता में गठित त्रि-सदस्यीय कमेटी करेगी।

संकट से हम भी अनजान नहीं और उसको लेकर हमारी रणनीति तैयार है। आपूर्ति बढ़ाने के लिए 28 में से 16 पंप बदल चुके हैं। इससे पांच एमएलडी पानी ज्यादा मिलने भी लगा। वैकल्पिक जलस्रोतों की आवश्यकता को देखते हुए यशवंतसागर जलावर्धन योजना पर काम कर रहे हैं। उसके बाद बारी बिलावली की है।

- डॉ.उमाशशि शर्मा, महापौर

साभार - भास्कर