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नीर फाउंडेशन

सेमीनार के प्रारम्भ में आठ बच्चों ने जैव-विविधता को बचाने के लिए अपने विचार प्रस्तुत किए। इसके बाद नीर फाउंडेशन के निदेशक रमन त्यागी ने बताया कि ‘वर्ल्ड अर्थ डे‘ यानी ‘विश्व पृथ्वी दिवस‘ विश्व का सबसे बड़े स्तर पर मनाया जाने वाला पर्यावरणीय दिवस है। इस दिवस के माध्यम से हम ब्रह्माण्ड में पृथ्वी के सबसे विशिष्ट स्थान को सम्मान देते हैं। हर साल 22 अप्रैल को विश्व में करीब 192 देश इस दिवस को विभिन्न क्रिया-कलापों द्वारा मनाते हैं। इस दिवस का प्रारम्भ यू.एस. के सीनेटर गेलोरड नेलसन द्वारा 22 अप्रैल, 1970 में की गई थी। इसके बाद 21 मार्च, 1971 में यूनाइटिड नेशन्स के सेकरेट्री जनरल, यू थैन्ट ने इसे अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में पहचान दी।
मेरठ के सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि पृथ्वी दिवस पर्यावरण को बचाने अर्थात पृथ्वी को हरा-भरा बनाये रखने का एक सांकेतिक माध्यम है। इस दिवस से हमें संकेत मिलता है कि हमें अपनी पृथ्वी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए तथा उसके पर्यावरण को बनाए रखना चाहिए।

पर्यावरण की वाद-विवाद प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों आंचल शर्मा, कार्तिक धीर, अनुष्का, मानवी, अक्षम, जावेद, दीक्षा व साक्षी मदान को नीर फाउंडेशन व रोटरी क्लब की ओर से प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस दौरान जैव-विविधता अर्थात पृथ्वी को बचाने के लिए उस अभियान का भी प्रारम्भ किया गया जिसके तहत बच्चों द्वारा शपथ ली गई कि वे पृथ्वी के पर्यावरण को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। यह शपथ यूनाइटेड नेशन्स द्वारा नीर फाउंडेशन को भेजी गई थी जोकि मेरठ के सभी स्कूलों में ली जानी है। इसके लिए एक लाख बच्चों का लक्ष्य रखा गया है। सभी बच्चों ने पृथ्वी को बचाने के लिए बच्चों ने शपथ पत्र भी भरे। शपथ पत्र भरवाने का यह अभियान यूनाइटेड नेशन्स की ओर से सम्पूर्ण विश्व में संचालित किया जा रहा है।

अन्त में सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने सभी बच्चों को पार्लियामेंट की कार्यवाही दिखाने के लिए आमंत्रित किया।