'जल नियामक आयोग' की कोशिश

Submitted by admin on Mon, 09/01/2008 - 20:29

Rajstahn WaterRajsthan Waterजयपुर राजस्थान, जागरण संवाद केंद्र : विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह की अध्यक्षता में यहां हुई सर्वदलीय समिति की बैठक में 'जल नियामक आयोग' के गठन पर जोर दिया गया जिससे जल नीति निर्धारित कर जनता के हित में जल प्रबंधन को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जा सके। विधानसभा अध्यक्ष ने घटते वन क्षेत्र पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति वर्ष में एक बार कम से कम पांच पेड़ लगाने का संकल्प लें तथा उनकी समय-समय पर सही ढंग से देखभाल करे। इससे जहां हरियाली बढ़ेगी और पर्यावरण संरक्षण होगा वहीं वर्षा की संभावना भी बढ़ेगी। उन्होंने परंपरागत जल स्त्रोतों के संरक्षण, नए भवनों में टांका बनाकर वर्षाजल के एकत्रीकरण तथा उपलब्ध भूमिगत जल स्त्रोतों के पुनर्भरण की पुख्ता व्यवस्था करने के साथ-साथ जल उपयोग में मितव्ययिता के लिए जन-जागरण पर जोर दिया।

 

नगर विकास राज्यमंत्री सुरेंद्र गोयल ने जल के सीमित उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि हमें इस बात पर गंभीर चिंतन और प्रबंधन करना चाहिए कि भविष्य में पानी कहां से लाएंगे? संसदीय सचिव जोगाराम पटेल ने प्रदेश के जिलों में भौगोलिक विभिन्नताओं को ध्यान में रखकर पेयजल एवं सिंचाई योजनाओं के क्रियान्वयन एवं उनके प्रबंधन की आवश्यकता बताई। विधायक राव राजेंद्र सिंह ने जल संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण, जल दर को तर्कसंगत बनाने तथा जल व विद्युत के सन्दर्भ में शोध एवं विकास गतिविधियों की अनिवार्यता प्रतिपादित की। विधायक देवीसिंह भाटी ने कम पानी से सिंचाई की पद्धति की चर्चा करते हुए बूंद-बूंद सिंचाई तथा फव्वारा सिंचाई एवं सौर व पवन ऊर्जा के लिए अधिकाधिक अनुदान देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विभिन्न जलाशयों के जलग्रहण क्षेत्रों की 1946 तक जो स्थिति थी वही बरकरार रखे जाने के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को लागू किया जाना चाहिए।


विधायक मदन राठौड़ ने ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण के लिए टांका बनवाने के लिए सरकार द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान तथा 50 प्रतिशत आसान किस्तों पर बिना ब्याज ऋण उपलब्ध करवाने का सुझाव दिया। विधायक वीरेंद्र बेनीवाल तथा माहिर आजाद ने भी जल एवं विद्युत के बारे में उपयोगी सुझाव दिए। आरंभ में कंज्यूमर यूनिटी एंड ट्रस्ट सोसायटी के आरके शर्मा ने स्वागत भाषण में कहा कि जल एवं विद्युत से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर इस बैठक में विचार कर इसमें रखे गए सुझावों को राज्य सरकार को भिजवाया जाएगा।