Source
दैनिक भास्कर, 28 फरवरी 2016
दिल्ली के लगभग हर इलाके में शनिवार को पानी की स्थिति रही खराब, यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से एक बार फिर हुई पानी की किल्लत
नई दिल्ली। मुखर्जी नगर के इंद्रा विहार में रहने वाले पवन के घर शनिवार सुबह से पानी नहीं आया। खाना बनाने और बर्तन धोने के लिये बोतलबन्द पानी का उपयोग किया। साप्ताहिक अवकाश के बावजूद शनिवार को पवन का पूरा दिन खराब रहा। 20-20 लीटर के दो गैलन 80 रुपए में खरीद कर किसी तरह से घर पर खाना बना और आवश्यक काम हुए। परमानंद कॉलोनी में रहने वाली अपराजिता श्रीवास्तव का भी यही हाल है। बर्तन धाेने और दिनचर्या के लिये मन्दिर में लगाए गए समरसिबल का पानी बाल्टी में भरकर तीसरे तल पर ले गईं। करोलबाग की बापा नगर में रहने वाली मंजू कहती हैं कि आज दिन में पानी नहीं आया। रात्रि में टंकी, गैलन और बर्तन में पानी इकट्ठा करके रख लिया, जिससे काम चल रहा है। पूर्वी और दक्षिणी दिल्ली को छोड़कर कमोबेश दिल्ली के लगभग हर इलाके में शनिवार को पानी की यही स्थिति थी। शनिवार को यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने की वजह से एक बार फिर से जल संकट गहरा गया।
दिल्ली के मुखर्जी नगर, इंद्रा विहार, पटेल नगर, करोलबाग, बलजीत नगर, द्वारका, नांगलोई, शास्त्री नगर, रोहिणी, सदर, पंजाबी बाग, सहित तमाम इलाकों में पानी की आपूर्ति ठप है।
परिणामस्वरूप इन इलाकों में रहने वाले अधिकांश लोगों की दिनचर्या बिगड़ गई है। पेयजल के अलावा घरेलू कामकाज के लिये भी लोग बड़े पैमाने पर बोतलबन्द पानी का उपयोग कर रहे हैं।
संकट की इस घड़ी में समरसिबल बना सहारा
वैसे तो दिल्ली के अधिकांश इलाकों में समरसिबल का उपयोग करना प्रतिबन्धित है, लेकिन संकट की इस घड़ी में समरसिबल ही लोगों का सहारा बना हुआ है। सुल्तानपुरी के ब्लॉक में रहने वाले अमित कहते हैं कि फिलहाल रात में साढ़े आठ बजे के करीब मात्र 20 मिनट के लिये पानी आता है। पानी आने की वजह से आसपास के लोगों से पेयजल माँग लेते हैं। अथवा किसी अन्य स्थान से समरसिबल से गैलन में पानी लाते हैं। अमित कहते हैं कि मादीपुर में रहने वाले उनके रिश्तेदार अधिकांशत: बाजार से ही खरीदकर काम चला रहे हैं। इसी तरह शास्त्री नगर निवासी विजय पटेल कहते हैं कि आजकल तो हमलोग समरसिबल के पानी का उपयोग कर रहे हैं।
कई इलाकों में एक टाइम आ रहा है पानी
पटेलनगर, बलजीत नगर, करोलबाग, मालवीय नगर में कल तक मात्र एक टाइम पानी आ रहा था, लेकिन शनिवार को एक बार फिर पानी की आपूर्ति ठप हो गई। पटेल नगर में रहने वाले आरपी सिंह कहते हैं कि गुरुवार को पानी आया था तो उन्होंने टंकी को भर लिया और उसी से दो दिनों से काम चल रहा है।
यमुना में फिर बढ़ी अमोनिया की मात्रा
यमुना में एक बार फिर अमोनिया की मात्रा बढ़ गई है, जिसकी वजह से दो प्रमुख जल शोधन संयंत्र वजीराबाद संयंत्र (124 एमजीडी) और चंद्रावल संयंत्र (98 एमजीडी) ठप हो गए हैं। इन संयंत्रों के ठप होने से उत्तरी दिल्ली, मध्य दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली में शनिवार को एक बार फिर जल संकट हो गया। बता दें कि पिछले एक महीने के दौरान यमुना में चार बार अमोनिया की मात्रा बढ़ गई। जल मंत्री कपिल मिश्रा ने शनिवार को इन दोनों संयंत्रों का दौरा भी किया और आशा जताई कि शाम तक प्लांट फिर चालू हो जाएँगे।
टैंकर से हो रही है पानी की आपूर्ति
अधिकांश इलाकों में लोगों को पेयजल की दिक्कत को टैंकर के जरिए किया जा रहा है। नांगलोई के प्रेम नगर में रहने वाले रामरतन कहते हैं कि पानी की लाइन बिछाई जा चुकी है। पानी की आपूर्ति भी हो रही है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से जारी पानी की संकट की वजह से उन्हें टैंकर के जरिए पेयजल की आपूर्ति हो रही है। दो दिनों में एक बार पानी का टैंकर आता है तो हम सभी बर्तनों में पानी रख लेते हैं, जिससे दो दिनों तक काम चल जाता है।
आठ मार्च तक शुरू होगी मुनक नहर
दिल्ली के जल मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा है कि मुनक नहर का मरम्मत कार्य 8 मार्च तक पूरा होगा। नहर का मरम्मत कार्य 24 घंटे युद्धस्तर पर चल रहा है। मुनक नहर के बन्द होने से दिल्ली के सबसे बड़े जल शोधन संयंत्र हैदरपुर (220 एमजीडी) ठप पड़ गया है। इसके अलावा नांगलोई, द्वारका, बवाना और आेखला जल शोधन संयंत्र भी ठप हो गए हैं, इनसे रोजाना लगभग 80 एमजीडी पानी की आपूर्ति होती है। इन संयंत्रों के ठप होने से इन इलाकों में पेयजल की कमी चल रही है।
साल भर से वेबसाइट अपडेट नहीं
दिल्ली वालों को पेयजल की आपूर्ति करने वाली मुख्य संस्था दिल्ली जल बोर्ड की वेबसाइट पिछले साल भर से अपडेट नहीं हुई। जल बोर्ड की वेबसाइट पर डेली वाटर प्रोडक्शन रिपोर्ट जारी नहीं की गई। इसी तरह 31 अगस्त 2015 के बाद एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) की रिपोर्ट अपडेट नहीं हुई। डेली ड्रिंकिंग वाटर क्वालिटी की रिपोर्ट भी 13 अगस्त के बाद अपडेट नहीं हुई।