जल संरक्षण के प्रति गम्भीर होने की जरूरत

Submitted by Hindi on Sat, 07/04/2015 - 09:25

दुमका के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने कहा कि दुनियाँ के तमाम जल स्रोत में 1 प्रतिशत जल ही हमारे उपयोग के लिए है। हम इसका संरक्षण कैसे करें, इस पर गम्भीर होने की जरूरत है। हम अपनी आदतों में एक व्यवस्था बनाकर सुधार ला सकते हैं। अपने घर से इसकी शुरूआत कर सकते हैं। घर के जल को घरों में ही रोकें। दुमका के स्थानीय इन्डोर स्टेडियम 'हमारा जल हमारा जीवन' विषय पर आयोजित कार्यशाला में दुमका जिला के विभिन्न विद्यालयों से आए बच्चों से उपायुक्त ने राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका को पहचानने और जानने की अपील की। उपायुक्त ने मंच से उतरकर बच्चों के बीच जाकर एक संवाद स्थापित करते हुए जीवन में जल, बिजली, भोजन, शिक्षा आदि के महत्व को साधारण उदाहरणों से समझाया।

उन्होंने कहा कि विद्युत और जल की बर्बादी न हो इसका भी ध्यान रखना है। हम अपनी आवश्यकता से अधिक भोजन को बर्बाद होने से भी रोकें। हमें इस बात को ध्यान रखना चाहिए कि जल विद्युत और भोजन आदि की उपलब्धता यदि हमारे पास है तो कहीं इसकी घोर कमी भी है और उन्हें इनकी आवश्यकता भी है। इसलिए हम इसका आवश्यकतानुसार उपयोग करें। विद्यार्थियों से उपायुक्त ने कहा कि आपका सबसे अहम कर्तव्य है शिक्षा को हासिल करना। शिक्षा को हासिल करने का मतलब है जो आपके पाठ्यक्रम में है उसे न केवल पढ़ना बल्कि उसे जीवन में उतारने की कोशिश करना। इतिहास के पन्नों में सुरक्षित नामों से यह प्रेरणा लेनी चाहिए कि आप भी ऐसा काम करें कि आने वाली पीढ़ी आपके बारे में पढ़ें। उपायुक्त ने इन्डोर स्टेडियम सभागार में उपस्थित शिक्षकों से कहा कि वे इसका ध्यान रखें कि एक शैक्षणिक कैलेण्डर में सभी विद्यार्थी पाठ्येतर क्रियाकलापों में हिस्सा ले सकें ताकि, जिस क्षेत्र में उनकी प्रतिभा है वह सामने आ सके।

उपायुक्त ने बच्चों के साथ फिर मिलने और ऐसे ही संवाद जारी रखने की बात कही। उन्होंने बच्चों से उनका परिचय लिया और अपने बारे में भी बताया। इस अवसर पर अधीक्षण अभियंता, क्षेत्रीय उप निदेशक जनसम्पर्क अजयनाथ झा तथा जिला ​शिक्षा पदाधिकारी ने भी कार्यशाला में उपस्थित बच्चों को सम्बोधित किया। इस अवसर पर कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई एवं अन्य अधिकारी सहित विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक और बच्चे उपस्थित थे।