मैदानी भाग में तीव्रगति से प्रवाहित होने वाली नदी की तली में निर्मित गर्त जिनकी उत्पत्ति जलभँवर के साथ चलने वाले कंकड़, पत्थर एवं बजरी द्वारा अपरदन के परिणामस्वरूप होती है। पहले छोटे-छोटे गर्तों का निर्माण होता है जिनका आकार धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। जल गर्तिका का व्यास कुछ सेमी. से लेकर कई मीटर तक हो सकता है। इसकी गहराई सामान्यतः व्यास की तुलना में अधिक होती है। जलगर्तिका का निर्माण जल प्रपात की तली वाले भाग में भी होती है जहाँ जल ऊपर से नीचे गिरता है। कभी-कभी चूनापत्थर प्रदेश में निर्मित घोलरंध्र तथा विलयन छिद्र के लिए भी जलगर्तिका शब्द का प्रयोग किया जाता है।
अन्य स्रोतों से
वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
हिन्दी में -