जो कपास को नाहीं गोड़ी

Submitted by Hindi on Tue, 03/23/2010 - 14:18
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घाघ और भड्डरी

जो कपास को नाहीं गोड़ी।
ताके हाथ न आवै कौड़ी।।


भावार्थ- जिस किसान ने कपास की थोड़ी सी भी गोड़ाई नहीं की उसके हाथ एक कौड़ी भी नहीं लगेगी।