सैकड़ों कैरियर विकल्प हैं, ऐसे में उपयुक्त का चुनाव कैसे किया जाए, छात्रों के सामने यह एक विकट समस्या होती है। कई छात्र यह जानते ही नहीं कि उन्हें क्या बनना है या करना है? और तो और वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए क्या कर सकते हैं, यह भी नहीं समझ पाते। लेकिन कैरियर का चुनाव करना कोई असंभव काम नहीं है। जरूरत है तो बस थोड़ा ध्यान और समय लगाने की। यहां समझ लेना उचित होगा कि जॉब और कैरियर में क्या अंतर है? जॉब कोई भी हो सकता है। यह जरूरी नहीं कि वो बच्चों को समय के साथ आगे भी बढ़ाए। इसके उलट, कैरियर वो लाइन या काम होता है, जो समय और मेहनत के साथ तरक्की दिलाता चलता है। इसीलिए कैरियर चुनते समय सावधानी जरूरी है, ताकि आपका बच्चा अपनी पसंद और रुचि के हिसाब से ऐसा काम चुने, जिसे करते समय उसको आनंद आए और जिसे करने के साथ उसकी तरक्की भी होती चले।
शौक को कैरियर बनाएं: अकसर आपने देखा या महसूस किया होगा कि माता-पिता या शिक्षक बच्चे को किसी पंसदीदा एक्टिविटी या शौक को सीमाओं में रखने की सलाह देते मिल जाते हैं। क्या आप जानते हैं कि सबसे अधिक सफल व्यक्ति वे होते हैं, जो अपनी हॉबी या शौक को ही अपना कैरियर बनाते हैं? ऐसा काम करते हुए वे कभी बोर नहीं होते, बल्कि घंटों जुटे रहने के बाद भी वे खुश और ऊर्जा से भरपूर बने रहते हैं। ऐसे कामों को कहीं बाहर जाकर सीखने की जरूरत नहीं पड़ती।
हॉट कैरियर लिस्टः नया साल या दशक शुरू होते ही पत्र-पत्रिकाओं में ऐसे लेख पढ़ने को मिल जाएंगे कि ये दस कैरियर विकल्प टॉप के हैं। इस तरह की सूची को देखकर कभी भ्रमित नहीं होना चाहिए। कोई जरूरी नहीं कि जो कैरियर इस साल हॉट लिस्ट में है, वह आगे भी हॉट ही बना रहे। परिवर्तन तो होते ही रहते हैं, इसलिए करिए या चुनिए वही, जो आपकी योजनाओं और रुचियों से मेल खाता हो।
पैसा ही सब कुछ नहीं: कुछ कैरियर या काम ऐसे लगेंगे, जिनमें बहुत पैसा है और जरूरी नहीं कि वे आपके बच्चे को भी पसंद हों। उसके लिए सही कैरियर का चुनाव करते समय सिर्फ अधिक वेतनमान पर जोर न देकर ऐसे काम पर फोकस करें, जिसमें उसकी दिलचस्पी अधिक है। यदि काम पसंद हो और वह दिल लगाकर उस काम को करे, तो पैसा भी आना शुरू हो जाएगा। फिर कई लोगों को काम में आनंद आना अधिक महत्त्व रखता है, बजाय इससे कि उस काम से उन्हें पैसा कितना मिल रहा है।
बदलाव से हुनर का क्याः ऐसा सवाल दिमाग में आ सकता है कि लाइन बदलने से उसके हुनर या योग्यता का क्या होगा, क्या वो बेकार चली जाएगी? जी नहीं, कोई भी योग्यता कभी बेकार नहीं जाती, बल्कि उसका नए रूप में इस्तेमाल शुरू हो जाता है। हो सकता है कि वो योग्यता ठीक पहले की तरह इस्तेमाल न हो पाए, लेकिन उसका लाभ आपको मिलता रहेगा, इतना जरूर है।
दूसरों की नकल न करें: जरूरी तो नहीं कि मित्र, बहन, भाई या अंकल किसी काम में खुश हों, तो आपका बच्चा भी खुश रहेगा। ऐसा नहीं होता। जैसा पहले भी हमने बताया कि हर व्यक्ति की रुचि, पसंद-नापसंद और व्यवहार भिन्न होता है, इसलिए यह जरूरी नहीं कि दूसरों की तरह उसको भी उस काम में आनंद ही आए। दूसरों की देखा-देखी आप किसी कैरियर को चुन भलें लें, किंतु यह गारंटी नहीं कि आपका बच्चा भी उतना ही खुश रहे।
जानकारियां जुटाइएः किसी काम को भली-भांति जानने के लिए जरूरी नहीं कि उसको पहले करके देखें, फिर ही जान पाएंगे कि आप उसके लिए फिट हैं या नहीं। किसी व्यवसाय के बारे में पुस्तकें, पत्रिकाएं पढ़कर या फिर उस काम को कर रहे लोगों से बात करके भी काफी कुछ मालूम किया जा सकता है।
Source
दिव्य हिमाचल, 30 जनवरी 2011