ज्वालामुखी (Volcano Meaning in Hindi)

Submitted by admin on Thu, 04/22/2010 - 11:16

ज्वालामुखी  (Volcano Definition in Hindi)  1 . ज्वालामुखीः पृथ्वी में एक विवर जिससे तप्त शैल तथा अन्य पदार्थ बाहर निकलते हैं। यदि बाहर निकलने वाले पदार्थ द्वार के चारों ओर संचित होने लगते हैं तो उससे एक शंकुवत् रचना बन जाती है जो धीरे-धीरे एक बड़े पर्वत के आकार की हो जाती है और उस दशा में उस शंकु को भी ज्वालामुखी की संज्ञा दी जाती है।

भूपृष्ठ में स्थित छिद्र (ज्वालामुखी छिद्र) जिससे होकर भूगर्भ से तप्त तरल लावा, गैस, शैलखंड,राख, जल आदि निकलते हैं। ज्वालामुखी छिद्र से निकलने वाले पदार्थ छिद्र के चारों ओर संचित होते रहते हैं जिससे ज्वालामुखी शंकु या पर्वत का निर्माण होता है। ज्वालामुखी छिद्र का संबंध एक नली द्वारा भूगर्भ में होता है जिसे ज्वालामुखी नली (volcanic pipe) कहते हैं। ज्वालामुखी एक संयुक्त प्रक्रम है जिसके अन्तर्गत भूगर्भ में लावा (मैग्मा) की उत्पत्ति से लेकर उसके धरातल पर प्रकट होने तथा निःसृत पदार्थों के ठोस होने तक की समस्त प्रक्रियाएँ सम्मिलित होती हैं। ज्वालामुखी की उत्पत्ति कई कारणों से होती है। भूपृष्ठ में दरार पड़ने अथवा किसी अन्य कारण से ऊपरी दबाव में कमी आने पर भूगर्भ में स्थित शैलें पिघल जाती हैं जिससे मैग्मा या लावा की उत्पत्ति होती है जो जगह पाकर भूपृष्ठ पर प्रकट होता है। सागर तटीय भागों में जहाँ जल रिसकर नीचे पहुंच जाता है और भूगर्भ में ताप की अधिकता के कारण वाष्प (गैस) बन जाता है। इस प्रकार भूगर्भ में निर्मित लावा तथा गैसें ऊपर निकलने के लिए भूपृष्ठ पर दबाव डालती हैं। जहाँ पर ऊपरी भूपर्पटी कमजोर होती है, तप्त तरल लावा और गैसें उसे तोड़ कर छिद्र या दरार द्वारा भूपृष्ठ पर प्रकट होते हैं। उद्गार की अवधि, अंतराल तथा प्रकृति के अनुसार ज्वालामुखी के तीन प्रकार होते हैं- 1. जाग्रत ज्वालामुखी (active volcano), 2. प्रसुप्त ज्वालामुखी (dormant volcano), और 3. शांत ज्वालामुखी (extinct volcano)। जाग्रत या सक्रिय ज्वालामुखी कुछ लावा, गैस आदि निरंतर निकलते रहते हैं। प्रसुप्त या सुसुप्त ज्वालामुखी एक उद्गार के पश्चात् कुछ समय के लिए शांत पड़ जाता है किन्तु कालांतर में उससे पुनः अचानक उद्गार प्रारंभ हो जाता है। जब ज्वालामुखी उद्गार समाप्त हो जाने के पश्चात् उसके विवर (crater) में जल भर जाता है और भविष्य में पुनः उद्गार नहीं होता है, वह शांत ज्वालामुखी कहलाता है।

ज्वालामुखी का उद्गार एक केन्द्र या छिद्र द्वारा अथवा दरार होता है। केंद्रीय उद्गार वाले ज्वालामुखी प्रायः भयंकर और तीव्र वेग वाले होते हैं जबकि दरारी उद्गार में लावा प्रायः धीरे-धीरे निकल कर भूपृष्ठ पर फैल जाता है। केंद्रीय उद्गार में निःसृत लावा तथा अन्य पदार्थ अधिक ऊँचाई तक आकाश में पहुँच जाते हैं तथा आकाश में प्रायः बादल छा जाते हैं और विखंडित पदार्थ पुनः तीव्रता से नीचे गिरते हैं। ये ज्वालामुखी अधिक भयंकर तथा विनाशकारी होते हैं। केंद्रीय उद्गार वाले ज्वालामुखी उद्गार की अवधि, अंतराल तथा प्रकृति के अनुसार कई प्रकार के होते हैं जिन्हें विशिष्ट ज्वालामुखी के आधार पर कई वर्गों में विभक्त किया जाता है। इनमें प्रमुख प्रकार हैः हवाई, स्ट्राम्बोली, वल्कैनो, पीलियन, तथा विसूवियस तुल्य ज्वालामुखी।

संसार के अधिकांश ज्वालामुखी दो प्रधान मेखलाओं में पाये जाते हैं- 1. परिप्रशांत मेखला, और 2. मध्य महाद्वीपीय मेखला। संसार के लगभग दो-तिहाई सक्रिय ज्वालामुखी प्रशांत महासागर के किनारे-किनारे मिलते हैं जिसका प्रमुख क्षेत्र पूर्वी एशिया की द्वीपीय मेखला है। मध्य महाद्वीपीय पेटी पश्चिम में आइसलैंड से लेकर पूर्व में म्यांमार (बर्मा) तक अल्पाइन पर्तों के सहारे फैली हुई है। इसके अतिरिक्त अंध महासागर के मध्यवर्ती कटक और पूर्वी अफ्रीका की दरार घाटी के सहारे भी ज्वालामुखी पाये जाते हैं।

सुप्‍त ज्वालामुखी  (Dormant volcano Definition in Hindi)  1 .  सुप्‍त ज्वालामुखी - (पुं.) (तत्.) - भूवि. ज्वालामुखी जिससे पहले कभी लावा निकला था, किंतु अब नहीं निकल रहा है परंतु कभी भी पुन: जाग्रत हो सकता है। दे. ज्वालामुखी। तु. जाग्रत ज्वालामुखी।

विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)

ज्वालामुखी पृथ्वी के सतह पर उपस्थित ऐसे मुख होते है जिनसे पृथ्वी के भीतर का गर्म लावा, गैस, राख आदि बाहर आते है। अक्सर ज्वालामुखी पहाड़ के रूप मे होते है। ज्वालामुखी अकसर विस्फोट के साथ फटते है।