झील भरी है

Submitted by Hindi on Mon, 06/20/2011 - 13:23
झील भरी है
चलती है डोलती हुई
पानी का दोलन
झील को प्रिय है

हमारे मन से कितनी मिलती-जुलती
नाव है झील

प्यास बुझाती
लहराती चल रही है
कितनी तो चिन्ता-फिकर है
फिर भी झील चल रही है लहराती
पार लगाती
सांगोपांग जिउ