काकेशिया

Submitted by Hindi on Sat, 12/25/2010 - 11:22
काकेशिया सोवियत संघ का एक विशाल प्रायद्वीप, तुर्की और ईरान के उत्तर, कालासागर और कैस्पियन सागर के मध्य में स्थित है। इसका क्षेत्रफल लगभग 80,000 वर्ग मील है। इसके उत्तर में बृहत् काकेशस तथा दक्षिण में लघु काकेशस पर्वत हैं। इन दोनों पर्वतश्रृंखलाओं के मध्य काकेशिया की समतल भूमि है जिसके उत्तर की ओर कूबन और टेरेक नामक दो प्रमुख नदियाँ बहती हैं। काकेशस प्रदेश के अधिकांश लोग यहीं निवास करते हैं। यहाँ की जलवायु उष्णकटिंबंधीय है। काले सागर की नम हवाओं के फलस्वरूप पश्चिमी तटवर्ती भाग को सोवियत कैलिफोर्निया की संज्ञा मिली है। अतएव यह भूखंड उपोष्ण कटिंबधीय अन्न और फल के लिए पूर्ण उपर्युक्त है। इसके प्राय: विपरीत परिस्थिति में पूर्वी तटवर्तीय प्रदेश है जहाँ मध्य एशिया की मरुभूमि से शुष्क हवाएँ आकर इसे अर्ध मरुभूमि में परिवर्तित कर देती हैं। अत: यहाँ की कृषि सिंचाई पर निर्भर रहती है। इस भूभाग की मुख्य उपज कपास है।

यहाँ की पर्वतमालाएँ खनिज पदार्थों से भरी हैं तथा इनमें पशुपालन की भी सुविधा है। इस प्रदेश की नदियाँ तीव्रगामिनी हैं अतएव गमनागमन के लिए अनुपयोगी हैं। परंतु इनसे पर्याप्त जलविद्युत् शक्ति मिलती है। अधिकांश भाग पर्वतीय होने के कारण यातायात के साधनों की दृष्टि से उपर्युक्त नहीं है फिर भी यहाँ की तीन प्रमुख रेलवे लाइनें इसे सोवियत संघ के अन्य भागों से मिलाती हैं और समुद्रतटीय यातायात भी पर्याप्त उन्नति पर है। यूरोप और एशिया के सन्निकट होने के फलस्वरूप इस प्रदेश में जातीय विभिन्नता है। प्राय: तीस प्रमुख जातियाँ यहाँ निवास करती हैं। इस प्रायद्वीप का शासन 18 प्रशासनिक खंडों में होता है।

रूस के संपूर्ण तेल का आधा भाग यहीं से निकाला जाता है। अतएव यहाँ का मुख्य उद्योग तेल निकालना और उसे शुद्ध करना है। तेल की संसार प्रसिद्ध खान बाकू तथा मैकाप और ग्रोजनी इसी प्रदेश में स्थित हैं। संसार का सर्वश्रेष्ठ मैंगनीज़ उत्पादक स्थान, गोर्जिया भी यहीं है। इसके अतिरिक्त अन्य खनिज पदार्थ भी यहाँ मिलते हैं। इस प्रदेश का मुख्य निर्यात पेट्रोल, कपास, मैंगनीज़ तथा अन्य खनिज पदार्थ हैं। निर्यात में फल का भी विशेष महत्व है। खाद्यान्न के लिए इसे कूबन की समभूमि पर निर्भर रहना पड़ता है। (कृ.प्र.सिं.)