कातिक मास रात हर जोतौ

Submitted by Hindi on Mon, 03/22/2010 - 14:45
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घाघ और भड्डरी

कातिक मास रात हर जोतौ।
टाँग पसारे घर मत सूतौ।।


शब्दार्थ- टाँग-पैर। सूतौ- सोना।

भावार्थ- किसान को कार्तिक मास में रात को भई हल चलाना चाहिए, पैर फैलाकर सोना नहीं चाहिए।