कोई ग्रामीण मजदूरी करने नहीं जाता बाहर

Submitted by Hindi on Mon, 01/16/2012 - 12:03

अकेला किसान ने सुधार दी गांव की दशा


सिकिदिरी : अनगड़ा (रांची) प्रखंड स्थित गेतलसूद डैम के पास एक गांव है कांशीटोला। कुल 19 घर, करीब एक सौ की आबादीवाला यह गांव विख्यात है वर्ष भर अपनी हरियाली व ग्रामीणों के स्वावलंबन के लिए। गांव का कोई आदमी कहीं बाहर मजदूरी या कोई काम करने नहीं जाता। ग्रामीणों के घर में अनाज, सब्जी, दलहन व तेलहन की कोई कमी नहीं होती। ग्रामीण कृषि से होनेवाली आय से अपना परिवार चलाते हैं। बच्चों को शिक्षित भी कर रहे हैं। यह सब हुआ है गांव के ही 42 वर्षीय किसान महेंद्र महतो के दृढ़ संकल्प और रामकृष्ण मिशन आश्रम के सहयोग से।

बदली तसवीर


दरअसल महेंद्र ने अपने गांव की तसवीर बदल दी है। उनके मार्गदर्शन में ग्रामीणों ने पहले परती पड़ी बंजर भूमि जोत-कोड़ कर खेती लायक बनायी व फिर वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने लगे। कांशीटोला में सालों भर हरियाली छायी रहती है। वर्ष भर उपलब्ध पानी से यह संभव हुआ है। इस गांव के लोग पानी का सदुपयोग करना जानते हैं।

हर मौसम में सिंचाई की सुविधा


रामकृष्ण मिशन की ओर से कांशीटोला में एक तालाब व दो कुआं खोदा गया है। इसका पानी लिफ्ट एरिगेशन के माध्यम से खेतों तक पहुंचाया जाता है। डैम से सिकिदरी के लिए छोड़ा जानेवाला पानी रिस कर गांव के तालाब में भी पहुंचता है, जिससे गर्मी के मौसम में भी सिंचाई संभव हो पाती है। गांव के एकीकृत विकास का पथ प्रदर्शक रामकृष्ण मिशन हैं।

महेंद्र ने प्रेरित किया


वर्ष 1995 में मोरहाबादी स्थित दिव्यायन से कृषि का प्रशिक्षण पाने के बाद महेंद्र ने गांव के छह अन्य युवकों को भी प्रशिक्षण लेने के लिए प्रेरित किया। इन सबने दिव्यायन से ही बागवानी, मशीन मरम्मत व मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण लिया। बाद में यह सीख जमीन पर उतारी गयी। समय-समय पर दिव्यायन, मोरहाबादी से कृषि सलाहकार गांव में आकर किसानों को खेती से संबंधित सलाह देते हैं। अब गांव के पढ़े-लिखे युवक भी खेती में अभिभावकों की मदद कर रहे हैं।

किसान क्लब का गठन


कांशीटोला के किसान खाद्यान्न सहित मुख्य रूप से आलू, सरसों, गाजर, बैगन, बंधगोभी व फूलगोभी की खेती करते हैं। यहां के किसानों ने विवेकानंद हरियाली किसान क्लब का गठन किया है।

बच्चों के लिए रात्रि कोचिंग


महेंद्र महतो के पुत्र हीरालाल महतो तथा गांव के अन्य दो युवा बिरजू महतो व कुंवरलाल महतो बच्चों के लिए रात्रि कोचिंग चलाते हैं। इसके लिए बाकायदा एक स्कूल का निर्माण ग्रामीणों ने किया था, जिसे दो वर्ष पहले एक हाथी ने गिरा दिया था। अब यह कक्षा गांव के ही सामुदायिक भवन में चलती है। कुल 22 बच्चे यहां पढ़ते हैं। झमन लाल महतो व लक्ष्मी नारायण महतो सहित अन्य किसान भी गांव के हर कार्य में मदद करते हैं।

खुद सड़क मरम्मत की


इस गांव के लोग अपने काम के लिए सरकार का इंतजार नहीं करते। यही वजह है कि अभी दो माह पहले ग्रामीणों ने अपने गांव की सड़क दो ट्रक पत्थर व मोरम डाल कर खुद दुरुस्त की है।