कैमूर पहाड़ी के उत्तरी ढाल पर सागर के दक्षिण से निकल कर केन नदी कुल 305 किलोमीटर बहती है। बांदानगर के उत्तर में प्रवाहित यमुना नदी में विलीन होकर केन का अस्तित्व समाप्त हो जाता है। केन नदी के किनारे खजुराहो से 32 किलोमीटर दूर पन्ना राष्ट्रीय उद्यान एक आकर्षक एवं मनमोहक स्थान है। चारों ओर घने जंगलों के बीच में इस पिकनिक स्थल पर विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों को रखा गया है जिनमें बाघ, चीता आदि का विशेष आकर्षण है।
केन उत्तर भारत में बुंदेलखंड के बीच से बहनेवाली २३० मील लंबी नदी। यह कैमूर पहाड़ियों की उत्तरीपश्चिमी ढाल से निकलकर मध्यप्रदेश के दमोह, पन्ना इत्यादि क्षेत्रों से होती हुई बाँदा जिले में चिल्ला नामक स्थान पर यमुना से मिलती है। इसका एक नाम कायन है। प्राचीनकाल में यह कर्णवती अथवा कैनास नाम से भी प्रसिद्ध थी। सोनार, वीरमा, बाना, पाटर इत्यादि इसकी सहायक नदियाँ हैं। पथरीली घाटियों से प्रवाहित होने के कारण नावें ययुना-केन-संगम से बाँदा तक ही आती जाती हैं। इस नदी में पाँडवा घाट (५५ ऊँचा) तथा कोराई (१२५ ऊँचा) नामक दो जलप्रपात हैं।
बाँध बनाकर इस नदी से बाँदा नहर निकाली गई है। ग्रीष्म ऋतु में नहरों का जलसंचार बढ़ाने के लिये गांगई के पास बाँध बनाकर एक जलाशय बनाया गया है। (नवलकिशोरप्रसाद सिंह)
केन उत्तर भारत में बुंदेलखंड के बीच से बहनेवाली २३० मील लंबी नदी। यह कैमूर पहाड़ियों की उत्तरीपश्चिमी ढाल से निकलकर मध्यप्रदेश के दमोह, पन्ना इत्यादि क्षेत्रों से होती हुई बाँदा जिले में चिल्ला नामक स्थान पर यमुना से मिलती है। इसका एक नाम कायन है। प्राचीनकाल में यह कर्णवती अथवा कैनास नाम से भी प्रसिद्ध थी। सोनार, वीरमा, बाना, पाटर इत्यादि इसकी सहायक नदियाँ हैं। पथरीली घाटियों से प्रवाहित होने के कारण नावें ययुना-केन-संगम से बाँदा तक ही आती जाती हैं। इस नदी में पाँडवा घाट (५५ ऊँचा) तथा कोराई (१२५ ऊँचा) नामक दो जलप्रपात हैं।
बाँध बनाकर इस नदी से बाँदा नहर निकाली गई है। ग्रीष्म ऋतु में नहरों का जलसंचार बढ़ाने के लिये गांगई के पास बाँध बनाकर एक जलाशय बनाया गया है। (नवलकिशोरप्रसाद सिंह)
Hindi Title
केन नदी
अन्य स्रोतों से
संदर्भ
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