खगोल विज्ञान से संबंधित शब्द

Submitted by Hindi on Tue, 09/06/2011 - 14:07
आकार ग्रहण प्रक्रिया(Structure Formation): यह ब्रह्मांड निर्माण भौतिकी का एक मूलभूत अन सुलझा रहस्य है। ब्रह्मांड जैसा की हम ब्रह्मांडीय विकिरण(Cosmic Microvave Background Radiation) के अध्ययन से जानते है, एक अत्यंत घने, अत्यंत गर्म बिन्दु के महा विस्फोट से बना है। लेकिन आज की स्थिती में हर आकार के आकाशीय पिंड मौजूद है, ग्रह से लेकर आकाशगंगाओं से आकार से गैसो के बादल (Cluster) के दानवाकार तक के है। एक शुरूवाती दौर के समांगी ब्रह्मांड से आज का ब्रह्मांड कैसे बना ?

इलेक्ट्रान – इलेक्ट्रान मूलभूत परमाण्विक कण है जिसका आवेश ऋणात्मक होता है। इसका द्रव्यमान प्रोटान के द्रव्यमान का 1/1836 होता है।

एक्सीआन(Axions) : यह भी एक काल्पनिक मूलभूत कण है, इन पर कोई विद्युत आवेश नहीं होता है और इनका द्रव्यमान काफी कम 10-6 से 10-2 eV/c2 के बीच होना चाहिये। मजबूत चुंबकीय बलों की उपस्थिति में इन्हें फोटान में बदल जाना चाहिये।

क्वार्क : क्वार्क पदार्थ को बनाने वाले मूलभूत कण है। क्वार्क मिलकर हेड्रान बनाते है जिनमे प्रोटान और न्युट्रान प्रमुख है।

खगोलीय इकाई (AU) : 1 AU (खगोलीय इकाई)=149,597,870.70 किमी (पृथ्वी की सूर्य से औसत दूरी)

गुरुत्विय वक्रता (gravitational lensing) : प्रकाश किरणों के में उस समय आई वक्रता होती है जब ये किसी गुरुत्विय लेंस से गुज़रती है। ये गुरुत्विय लेंस श्याम विवर भी हो सकता है।

निहारिका (Nebula) : ब्रह्मांड में स्थित धूल और गैस के बादल।

न्युट्रान : न्युट्रान आवेशहीन परमाण्विक कण है। यह परमाणु के केन्द्रक मे प्रोटान के साथ रहता है।

न्युट्रीनो : न्युट्रीनो एक आवेशहीन मूलभूत कण है, यह प्रकाशगति के समान गति से यात्रा करता है। इसका द्रव्यमान कम लेकिन शुन्य से ज्यादा होता है। यह अन्य ज्ञात कणों से कोई क्रिया नही करता है।

प्लैंक काल : मैक्स प्लैंक के नाम पर , ब्रह्मांड के इतिहास मे 0 से लेकर 10 -43 (एक प्लैंक ईकाइ समय), जब सभी चारों मूलभूत बल(गुरुत्व बल, विद्युत चुंबकीय बल, कमजोर आणविक आकर्षण बल और मजबूत आणविक आकर्षण बल) एक संयुक्त थे और मूलभूत कणों का अस्तित्व नहीं था।

प्रकाश वर्ष : प्रकाश द्वारा एक वर्ष में तय की गयी दूरी। लगभग 9,500,000,000,000 किलो मीटर। अंतरिक्ष में दूरी मापने के लिये इस इकाई का प्रयोग किया जाता है।

प्रोटान : प्रोटान परमाण्विक कण है, जिसका आवेश धनात्मक होता है। यह परमाणु के केन्द्रक मे न्युट्रान के साथ रहता है।

प्रतिकण : हर मूलभूत कण का समान द्रव्यमान किंतु विपरीत आवेश का कण होता है जिसे प्रतिकण कहते है।

ब्रहृत एकीकृत सिद्धांत(Grand Unification Theory) : यह सिद्धांत अभी अपूर्ण है, इस सिद्धांत से अपेक्षा है कि यह सभी रहस्य को सुलझा कर ब्रह्मांड उत्पत्ति और उसके नियमों की एक सर्वमान्य गणितिय और भौतिकिय व्याख्या देगा।

बायरान : प्रोटान और न्युट्रान को बायरान भी कहा जाता है। विस्तृत जानकारी पदार्थ के मूलभूत कण लेख में।

ब्रह्मांडीय सिद्धांत (Cosmological Principle) : यह एक सिद्धांत नहीं एक मान्यता है। इसके अनुसार ब्रह्मांड समांगी (homogeneous) और सावर्तिक(isotrpic) है| एक बड़े पैमाने पर किसी भी जगह से निरीक्षण करने पर ब्रह्मांड हर दिशा में एक ही जैसा प्रतीत होता है।

ब्रह्मांडीय सूक्ष्म तरंग विकिरण (cosmic microwave background radiation-CMB) : यह ब्रह्मांड के उत्पत्ति के समय से लेकर आज तक सम्पूर्ण ब्रह्मांड मे फैला हुआ है। इस विकिरण को आज भी महसूस किया जा सकता है।

महा विस्फोट केन्द्रीय संश्लेषण (Big Bang Ncleosynthesis) : हायड्रोजन(H1) को छोड़कर अन्य तत्वों के परमाणु केन्द्रक निर्माण की प्रक्रिया।

माचो (अत्यंत विशाल सघन प्रकाशित पिंड) (MACHO: Massive compact halo object) : ये उन पिंडों के लिये दिया गया नाम है जो श्याम पदार्थ की उपस्थिति को समझने में मदद कर सकते है। ये श्याम विवर (Black Hole) , न्युट्रान तारे, सफेद वामन तारे या लाल वामन तारे भी हो सकते है।

मूलभूत बल : गुरुत्व बल, विद्युत चुंबकीय बल, कमजोर आणविक आकर्षण बल और मजबूत आणविक आकर्षण बल

विम्प (WIMP : weakly interacting massive particles) : अभी तक ये काल्पनिक कण है। ये कण कमजोर आणविक बल और गुरुत्वाकर्षण बल से ही प्रतिक्रिया करते है। इनका द्रव्यमान साधारण कणों (बायरान) की तुलना में काफी अधिक होता है। ये साधारण पदार्थ से प्रतिक्रिया नहीं करते जिससे इन्हें देखा और महसूस नहीं किया जा सकता।

श्याम पदार्थ (Dark Matter) : एक अदृश्य पदार्थ जो साधारण पदार्थ से क्रिया नही करता है लेकिन गुरुत्वाकर्षण से साधारण पदार्थ को प्रभावित करता है।

श्याम ऊर्जा (dark energy) : एक अज्ञात बल जो ब्रह्माण्ड के विस्तार के लिये उत्तरदायी है।

साधारण पदार्थ (Byaronic Matter) : मुख्यतः इलेक्ट्रान, न्युट्रान और प्रोटान से बना होता है। इलेक्ट्रान, न्युट्रान और प्रोटान को बायरान भी कहते है।

सुपरनोवा - कुछ तारों के जीवन काल के अंत में जब उनके पास का सारा इंधन (हायड्रोजन) जला चुका होता है, उनमें एक विस्फोट होता है। यह विस्फोट उन्हें एक बेहद चमकदार तारे में बदल देता है जिसे सुपरनोवा या नोवा कहते है।

अन्य स्रोतों से




बाहरी कड़ियाँ
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विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)




वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
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शब्द रोमन में






संदर्भ
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