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पंजाब केसरी, 2 अक्टूबर 2012

वैज्ञानिकों ने इस पानी से औषधीय रसायनों जैसे सिप्रोफ्लोक्सेसिन, पारासिटामॉल, फेक्सोफेनाडाइन, लिजिनोप्रिल, डिफेनिड्रेमाइन और क्लोरोफेनेरा-माइन को अलग करने के लिए अलग-अलग तरह के कार्बन का इस्तेमाल किया। इस जांच ने यह दिखाया कि खजूर की पत्तियों से निकाला गया यह सस्ता कार्बन औषधियों को कम करने में एक्टिवेटेड कार्बन की तरह ही सक्षम है। अल शाफी के मुताबिक जल्द ही यह परियोजना विभिन्न अस्पतालों में प्रयोग के तौर पर शुरु की जाएगी।