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पंजाब केसरी, 24 सितंबर 2012

इस एटलस को अंतिम बार वर्ष 1975 में बनाया गया था। ‘डेली मेल’ की खबर के मुताबिक, अगर सीएएस अपनी कोशिशों में कामयाब हो जाता है तो वर्ष 1951 के बाद पहली बार बादलों की एक नयी प्रजाति को मान्यता मिलेगी। यह प्रजाति फ्रांस, नार्वे और स्कॉटलैंड के कुछ इलाकों में दिखी है।