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नई दुनिया, 30 जनवरी 2012
लंदन। एक ताजा अध्ययन में पाया गया है कि कप़ड़ा धोने से निकलने वाला प्लास्टिक का सूक्ष्म कचरा समुद्री तटों पर जमा होकर इंसान और कुदरत के लिए खतरा बनता जा रहा है। शोधकर्ताओं को इन सूक्ष्म प्लास्टिक के कणों का पता सिंथेटिक कप़ड़ों से चला है जो हर धुलाई में कम से कम 1900 सूक्ष्म रेशे पानी में छोड़ते हैं। इसके पहले के शोध में यह पाया गया था कि एक मिली मीटर से भी छोटे प्लास्टिक के रेशों को आमतौर पर जानवर खा लेते हैं जिससे वे उनकी खाद्य श्रृंखला का हिस्सा बन जाता था।
यह जानकारी 'इनवायरनमेंटल साइंस और टेक्नॉलॉजी' पत्रिका में प्रकाशित हुई है। इस शोधपत्र के सहलेखक मार्क ब्राउन के अनुसार, 'पहले के शोधकार्य में पाया गया था कि वातावरण में पाए जाने वाले 80 प्रतिशत सूक्ष्म कण प्लास्टिक के छोटे टुकड़े होते हैं।' इस खोज ने हमें यह पता लगाने को प्रेरित किया कि आखिर ये प्लास्टिक के सूक्ष्म कण किस तरह के हैं और कहां से आते हैं।
यह जानकारी 'इनवायरनमेंटल साइंस और टेक्नॉलॉजी' पत्रिका में प्रकाशित हुई है। इस शोधपत्र के सहलेखक मार्क ब्राउन के अनुसार, 'पहले के शोधकार्य में पाया गया था कि वातावरण में पाए जाने वाले 80 प्रतिशत सूक्ष्म कण प्लास्टिक के छोटे टुकड़े होते हैं।' इस खोज ने हमें यह पता लगाने को प्रेरित किया कि आखिर ये प्लास्टिक के सूक्ष्म कण किस तरह के हैं और कहां से आते हैं।