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नई दुनिया, 10 फरवरी 2012

इस दौरान भी यदि मांग पूरी न हुई तो वे काशी जाकर अपनी निर्जल तपस्या शुरू कर अपने प्राण त्याग देंगे। इसके बाद भी यदि मांग पूरी न हुई तो उनके चार और साथी लाटरी डालकर एक-एक कर उनका अनुसरण कर अपने प्राणों का बलिदान देने में नहीं हिचकेंगे। इस मौके पर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भी गंगा के प्रति आस्था जताकर इन मांगों पर देश की स्पीकर सुश्री मीरा कुमार से 8 फरवरी यानि दिल्ली में भेंट की कोशिश का हवाला दिया। उनका कहना था कि मीरा कुमार से उन्हें नहीं मिलने दिया गया जिससे हतास उन्होंने संसद भवन के समक्ष ही अपना आंदोलन शुरू करना चाहा।