राष्ट्रीय सहारा, 05 अप्रैल 2020
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने केंद्र व राज्य सरकार से उत्तराखंडियों से बिजली व पानी के बिल न लेने की मांग की है। साथ ही साथ उन्होंने अपनी पूर्व की मांग को दोहराया कि यहां के निवासियों को प्रतिमाह एक रसोई गैस सिलेंडर निशुल्क मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोरोना बीमारी से अब कम से कम लोगों को उत्तराखंड की अहमियत समझ में आ रही होगी कि शुद्ध हवा और पानी जिंदा रहने के लिए कितने जरूरी है और उत्तराखंड इसमें सबसे महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। एक अकेले स्व. विश्वेश्वर दत्त सकलानी का वन लगाने व बचाने का योगदान 50 लाख हजार करोड़ रुपये आंका गया है। उपाध्याय का कहना है कि हम से हर चीज की कीमत ली जाती है। हमें अनाज, कपड़ा, नून-तेल, डीजल-पेट्रोल, दवा-दारू मुफ्त तो नहीं दिया जाता। आज एक पानी की बोतल बाजार में 20 रुपये से कम की नहीं है। हम 60 करोड़ लोगों को पीने, सिंचाई व औद्योगिक जल दे रहे हैं। उसकी कोई कीमत नहीं आंक रहा। कोरोना की बीमारी में एक वेंटीलेटर की ऑक्सीजन का रोज क्या चार्ज लिया जा रहा है, यह भुक्तभोगी ही जानता है। उत्तराखंड स्थायी प्राणवायु की फैक्ट्री है, उसकी कोई कीमत नहीं आंक रहा है।
उपाध्याय ने कहा कि यह समय की आवश्यकता है कि त्रिवेंद्र सरकार तुरंत उत्तराखंडियों को निशुल्क बिजली पानी और प्रतिमाह एक रसोई गैस सिलेंडर दे। उपाध्याय ने कोरोना की महामारी से एकजुट होकर संघर्ष करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने राज्य सरकारों व केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि गेहूं की फसल पक गई है और लाॅकडाउन में फसल काटने और संभालने की छूट न दी गई, तो अन्न का गंभीर संकट पैदा हो जाएगा और (धान) खरीफ की फसल की बुवाई भी नहीं हो पाएगी। देश में भयंकर अकाल की स्थिति पैदा हो जाएगी।
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