जयपुर-अजमेर राजमार्ग पर दूदू से 25 किलोमीटर की दूरी पर राजस्थान के सूखाग्रस्त इलाके का एक गांव है - लापोड़िया। यह गांव ग्रामवासियों के सामूहिक प्रयास की बदौलत आशा की किरणें बिखेर रहा है। धरती की पुकार को किसी ने सुना या ना सुना हो..... लेकिन लापोड़िया गांव के लोगों ने जरूर सुना है।बात उन दिनों की है जब यह पूरा इलाका लगातार तीन साल से अकाल की चपेट में था। लोग अपने जानवरों के साथ अपने-अपने गांव छोड़कर जा रहे थे। इस तरह गांव के गांव खाली होते जा रहे थे। लेकिन 189 परिवार वाले लापोड़िया गांव के लोगों के दिमाग में तो कुछ और ही चल रहा था। गांव के कुछ नौजवान इक्कठा हुए और लोगों को भी इक्कठा किया। जी जान से मेहनत की और अपने गांव ही नहीं आसपास के गांव की भी तस्वीर बदल डाली। लापोड़िया गांव के लोगों द्वारा हुए इस सामुहिक प्रयास पर आधारित एक लघु फिल्म।
Source
लोकसभा टीवी, 25 फरवरी 2014