लघु ज्वार भाटा
प्रत्येक चांद्रमास के शुक्ल पक्ष तथा कृष्णपक्ष की सप्तमी-अष्टमी तिथि को उत्पन्न होने वाले ज्वार जो सामान्य ज्वार से कम ऊंचे होते हैं। इस तिथि को सूर्य तथा चंद्रमा पृथ्वी से समकोणिक स्थिति (quadrature) में होते हैं और दोनों के ज्वारोत्पादक बल विपरीत दिशा में कार्य करते हैं जिसके कारण इस समय उत्पन्न ज्वार की ऊँचाई सामान्य ज्वार से कम होती है। इस समय भाटा (ebb) की निचाई भी सामान्य भाटा से कम रहती है, अतः ज्वार तल और भाटा तल का अंतराल न्यूनतम होता है।
अन्य स्रोतों से
Neap tide in Hindi (लघु ज्वार-भाटा)
अल्प आयाम के ज्वार, जो उस समय आते हैं जब कि सूर्य का गुरुत्वीयकर्षण चंद्रमा के समकोण पर होता है। इस अवस्था में उच्च जल और निम्न जल के मध्य कम अंतर पाया जाता है, क्योंकि उच्च ज्वार सामान्य से निम्नतर और निम्नज्वार सामान्य से उच्चतर होते हैं। इस प्रकार के ज्वार एक माह में दो बार आते हैं।