उच्च मेघ जो आकाश में अधिक ऊँचाई पर प्रायः बिखरे हुए रेशम के समान दिखाई पड़ते हैं। इनका निर्माण लघु हिमकणों द्वारा होता है जिनसे होकर सूर्य की किरणों के गुजरने से दिन में इनका रंग श्वेत दिखाई पड़ता है किन्तु शाम के समय इसके विविध रंग हो जाते हैं। चक्रवातों के आगमन से पूर्व प्रायः पक्षाभ मेघ दिखाई पड़ते हैं।
अन्य स्रोतों से
एक प्रकार का तन्तुमय उच्च उड्डयनी मेघ जो आकाश में 6 से 12 किलोमीटर तक की ऊँचाई के मध्य पाया जाता है और जिसमें बहुत छोटी-छोटी बर्फ कटिकाएं (ice-spicules) होती है। यह इतना हल्का होता है कि सूर्य या चंद्रमा का प्रकाश पृथ्वी पर निर्बाध रूप से आ जाता है।