Source
जल चेतना तकनीकी पत्रिका, जुलाई 2012
जगमग करती बिजली का उपहार दिया है पानी ने
हर सुख-सुविधा से भरा हुआ संसार दिया है, पानी ने
झर-झर कर ज्वाला में जल कर
कितना पानी भाप बना
काला बादल बनकर घूमा फिर सतरंगा चाप बना है
ऊपर जाकर भी माटी से प्यार किया है, पानी ने।
जगमग करती बिजली का उपहार दिया है पानी ने
हर सुख सुविधा से भरा हुआ संसार दिया है पानी ने
कुएँ ताल सागर को जीवन देता
बंजर खेती को हरियाली
चट्टानों में फूल खिलाता पानी एक अनोखा पानी।
गंगा, यमुना सरस्वती जैसी नदियों का झिलमिल हार दिया है।
जगमग करती बिजली का उपहार दिया है पानी ने
हर सुख सुविधा से भरा हुआ संसार दिया है पानी ने।
अमृत सा शीतल बनकर जल
हर प्यासे की प्यास बुझाता जल
उपजाकर फूल और फल
इस जग की भूख मिटाता जल
हर युग में इस धरती का श्रृंगार किया है पानी ने
हर सुख सुविधा से भरा हुआ संसार दिया है, पानी ने।
रामनाथ
संदेशवाहक, रा.ज.सं., रुड़की